मोदी का ‘नवरात्री उत्सव’: पीलीभीत में राजनीतिक तूफान की शुरुआत

नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत में चैत्र नवरात्र के अवसर पर जनसभा आयोजित की। उन्होंने महिला शक्ति, धर्मिक मुद्दे, सिख समुदाय के प्रति उनकी चिंता, और सरदार पटेल के सम्मान में बात की। इसके साथ ही, उन्होंने सीएए के खिलाफ भी अपनी राय रखी। यहाँ जानिए उनके बयानों की अहमियत!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैत्र नवरात्र के पहले दिन पीलीभीत की जनसभा में हिंदुत्व के एजेंडे को धार दिया। उन्होंने कई संधान किए, जिससे महिला शक्ति के प्रति समर्पण और सम्मान को मजबूती मिली। उन्होंने महिला शक्ति को नमन किया और उनके प्रति आदर और सम्मान की बात की।

राम मंदिर के माध्यम से आस्था की बात की गई और विश्व पटल पर भारत के उच्चतम चमक-दमक के विकास की चर्चा की गई। उन्होंने देश की सुरक्षा और प्रगति से समझौता न करने का संदेश भी दिया। मोदी ने सिख बहुल तराई क्षेत्र में सिख समुदाय की वीर गाथा सुनाते हुए उनके उत्थान के लिए सरकार के कार्यों का उल्लेख किया।

साथ ही, कुर्मी बेल्ट में विपक्ष पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की अनदेखी का आरोप लगाकर देश हित में किए गए उनके कार्यों को याद किया। प्रधानमंत्री के भाषण के केंद्र में शक्ति, सिख, राम मंदिर, सीएए, गन्ना किसान और विकसित भारत रहे। भाषण की शुरुआत में महिला शक्ति को नमन किया गया।

एक वरिष्ठ महिला पदाधिकारी ने उन्हें प्रणाम किया, और मोदी हाथ जोड़कर झुक गए। उन्होंने भी प्रतिउत्तर में प्रणाम किया। विक्रम संवत का पहला दिन होने के उपलक्ष्य में हिंदू नववर्ष की बधाई दी गई। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष मनाया जा रहा है, और सभी देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं और देशभर में शक्ति की उपासना की धूम है। इस अवसर पर माताएं, बहनें, बेटियां आशीर्वाद दे रही हैं। नवरात्र पर शक्ति का जिक्र करते हुए मोदी ने महिला शक्ति को महत्व दिया, और पार्टी ने पहले ही जनसभा को महिला शक्ति के लिए समर्पित किया था।

मोदी ने सिखों को भी ध्यान दिया और उनके समृद्ध भविष्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ सभी सिख गुरुओं को नमन किया, और उन्हें वैशाखी की भी शुभकामनाएं दी। मोदी ने गुरु गोविंद सिंह के कथन का उल्लेख किया और उन्होंने देश की वीर परंपरा को स्तुति दी। उन्होंने कहा कि ये बोल भारत की वीरता का प्रतीक हैं और हमें यह दिखाते हैं कि हम यदि संगठित हों, तो कितना भी कठिन लक्ष्य हो, हम उसे हासिल कर सकते हैं। वर्तमान में, हम लोग विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि सरदार साहब का स्टैच्यू देखने के लिए लोग क्यों नहीं जाते हैं? सरदार पटेल जो इस देश के महान पुरुष थे, जिन्होंने देश की एकता के लिए जीवन अर्पित किया, उनके सम्मान में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनवाया गया है। लेकिन कांग्रेस और सपा के नेता वहां नहीं जाते। भाजपा ने सरदार साहब को सम्मान दिया, लेकिन विपक्ष नहीं। उन्होंने पीलीभीत और आसपास के जिलों की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले कुर्मी समाज के उत्थान की भी चर्चा की।

सीएए के मामले में बंगाली शरणार्थियों के साथ उनकी साझेदारी पर भी बात की गई। मोदी ने कहा कि वह अपनों को कभी नहीं छोड़ेंगे और सीएए के खिलाफ विरोध के बावजूद, वह बंगाली परिवारों को स्थिरता की गारंटी देते हुए कहा कि अगर किसी को नागरिकता की समस्या है, तो वह अपना आवेदन करें। वे हमेशा ही उनकी मदद करेंगे और उन्हें भारतीय नागरिकता दिलाने में सहायक होंगे। यह जान लें कि लोकसभा क्षेत्र में बंगाली समुदाय के लगभग 50 हजार मतदाता हैं।

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