यूपी न्यूज़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन गारंटी पर काम कर रही है और इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है और जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी। गोरखपुर में ‘सफाई मित्र सुरक्षा और सम्मान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी के साथ-साथ आवास और कल्याणकारी योजनाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस अवसर पर कहा कि आदित्यनाथ ने “गोरखपुर नगर निगम की 116 करोड़ रुपये की 176 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास भी किया”। प्रवक्ता ने कहा, “इसके अलावा, उन्होंने ई-सेवा पोर्टल और स्वच्छता कर्मचारियों के लिए एक कल्याण कोष भी लॉन्च किया। उन्होंने सफाई कर्मचारियों के लिए 10 लाख रुपये तक की दुर्घटना बीमा सुविधा की भी घोषणा की।
सीएम ने चार सफाई कर्मियों के आश्रितों को कल्याण निधि से चेक के अलावा सफाई कर्मियों व वाहन चालकों को पोशाक व लंच बॉक्स वितरित किये। उन्होंने डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। आदित्यनाथ ने कहा, ”हम शहर को कितना भी सुंदर बना लें, सड़कें कितनी भी चौड़ी कर लें, अगर साफ-सफाई नहीं है तो सारी कोशिशें बेकार हो जाती हैं। इसलिए, हमें उन कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए जो स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि सफाई कर्मचारियों को न केवल न्यूनतम वेतन की गारंटी मिलनी चाहिए बल्कि आवासीय सुविधाओं का भी लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “उन्हें राशन कार्ड, स्वास्थ्य बीमा कवरेज और उज्ज्वला जैसी योजनाओं से लाभ मिलना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सफाई कर्मियों के प्रयास से स्वच्छता सर्वेक्षण में गोरखपुर की रैंकिंग 74 से सुधरकर 22 हो गयी है। उन्होंने कहा, “गोरखपुर को ‘कचरा मुक्त शहर’ श्रेणी में थ्री-स्टार रैंकिंग प्राप्त हुई है। गोरखपुर अब एक अच्छे और खूबसूरत शहर के रूप में पहचाना जाने लगा है। इसकी गिनती देश के सबसे अच्छे शहरों में होती है। इस उपलब्धि का अधिकतम श्रेय सफाई कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए।”
सीएम ने कहा, “हमें स्वच्छता रैंकिंग को और भी बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमारा लक्ष्य अगले सर्वेक्षण में 10 सबसे स्वच्छ शहरों में और अंततः शीर्ष तीन में शामिल होना चाहिए। इसे हासिल करने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।” मुख्यमंत्री ने पार्षदों को पार्षद मुहल्ला स्वच्छता समिति का गठन कर लोगों को सड़कों पर या नालियों में कचरा नहीं फेंकने के प्रति जागरूक करने तथा सफाई कर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने का निर्देश दिया।