प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच लगेगा। कुल 6 शाही स्नान होंगे। महाकुंभ प्रशासन को उम्मीद है कि इस महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। पुलिस प्रशासन ने महाकुंभ को लेकर पूरी तैयार कर ली है। प्रयाग महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक महापर्व बनने वाला है। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी संकटों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। महाकुंभ से संगम की मिट्टी लाना बेहद ही शुभ माना जाता है इससे गृह कलेश मिटते हैं।
स्नान की तिथियां
13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति, (पहला शाही स्नान)
29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या, (दूसरा शाही स्नान)
03 फरवरी 2025- वसंत पंचमी, (तीसरा शाही स्नान)
12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा
26 फरवरी 2025- महाशिव रात्रि
क्या ख़ास है महाकुंभ ?
*सबसे बड़ा अस्थायी शहर
1.5 लाख
मेलायुक्त क्षेत्र में टेंट
69 हजार
LED लाइटिंग और सौर हाईब्रिड स्ट्रीट लाइटिंग
400+
किलोमीटर अस्थायी सड़कें
30
पॉनटून पुल
चार तरह का कुंभ मेला
कुंभ मेले असल में 4 प्रकार के होते है। कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ। आपको बता दें कि कुंभ मेला 12 में एक बार लगता है और हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में लगता है। वहीं पूर्ण कुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही लगता है। इसके अलावा अर्ध कुंभ हर 6 साल में एक बार लगता है जो प्रयागराज और हरिद्वार में बारी-बारी लगता है। जबकि महाकुंभ मेला 144 साल में आयोजित होता है। जो प्रयागराज के संगम तट पर लगता है।