महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने नागपुर की हिंसा को सुनियोजित हमला बताया। उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि ये हिंसा और दंगे पूर्व नियोजित लगते हैं। किसी को भी कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाजत नहीं है। महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए। सीएम ने बताया कि हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 3 डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं और 12 दोपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। विधानसभा में बोलते हुए फड़णवीस ने कहा कि नागपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद एक अफवाह फैलाई गई शाम को इस अफवाह ने तूल पकड़ लिया। जिसमें ये कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी गई चादर पर धार्मिक चिन्ह था। इसी वजह से मामला गरमाया और हिंसा की घटनाएं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है
कई वाहन आगे के हवाले
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हिंसा में 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और घटनास्थल पर 80 से 100 लोग इकट्ठा थे। हिंसा के दौरान एक क्रेन और दो जेसीबी समेत 4 पहिए वाले वाहन भी फूंक दिए गए। साथ ही कुछ लोगों पर तलवार से भी हमला किया गया। सीएम ने कहा कि हिंसा के दौरान 33 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें से 3 डीसीपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं और साथ 5 नागरिकों को भी चोट आए हैं। एक कुल्हाड़ी तो डीसीपी को भी लगी है।
सीएम की जनता से शांति की अपील
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि इस पूरी घटना को लेक 5 एफआईआर दर्ज की गए हैं। 11 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एसआरपीएफ की 5 टुकड़ियां तैनात की गई है। साथ ही सीएम ने राज्य की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि हाल में रिलीज हुई फिल्म छावा ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गु्स्से को भड़का दिया है।