महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 22 मार्च शनिवार को साफ किया कि नागपुर हिंसा के मामले में दंगाइयों को बक्शा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के जरिए दंगाइयों की पहचान की जा रही है और अब तक 109 दंगाइयों को पकड़ा जा चुका है। इनमें से 18 नाबालिग हैं। उन पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान जो नुकसान हुआ है उसकी वसूली दंगाइयों से की जाएगी। अगर उन्होंने पैसे नहीं भरे तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन्हें बेचकर नुकसान की भरपाई होगी। अगले सात दिन में हम ऐसे लोगों की आर्थिक मदद करेंगे जिनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। फडणवीस ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। महिला पुलिसकर्मियों पर भी दंगाइयों ने पत्थर फेंके हैं। नागरपुर हिंसा की हर पहलू से जांच कर रहे हैं।
17 मार्च को अफवाह के बाद हिंसा भड़की
आपको बता दें कि 17 मार्च को अफवाह फैलाई गई कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयतें लिखी एक चादर को जला दिया गया। इस अफवाह के बाद नागपुर के कई हिस्सों में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई। नागपुर में हुई हिंसा के दौरान डीसीपी लेवल के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान और पांच अन्य के खिलाफ देशद्रोह और सोशल मीडिय पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। नागपुर की एक अदालत ने इस मामले में 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।