आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को कोलकाता के सियालदाह की सत्र अदालत ने दोषी करार दिया है। जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को धारा 64- (बलात्कार के लिए सज़ा), 66(मृत्यु का कारण बनने के लिए सजा), 66(मृत्यु का कारण बनने के लिए सज़ा) और 103(हत्या) के तहत दोषी ठहराया। इस मामले में मुकदमा शुरू होने के 57 दिन बाद फैसला आया है। जज ने संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए अपनी टिप्पणी में कहा- ‘तुम्हें सज़ा मिलनी ही चाहिए’
कोर्ट में क्या हुआ?
आरोपी संजय ने जज से पूछा- मुंझे फंसाने वाले अन्य लोगों को क्यों छोड़ा जा रहा है? जज अनिर्बान दास ने कहा कि मैंने सभी सबूतों की बारीकी से जांच की है और गवाहों को सुना है। मकुदमें के दौरान दलीलें भी सुनी है इसके बाद ही मैंने तुम्हें दोषी पाया है। तुम दोषी हो तुम्हें सज़ा मिलनी ही चाहिए। अदालत 20 जनवरी को सजय रॉय की सज़ा का ऐलान करेगी। उसे तबतक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में देशभर में रोष फैला था और कोलाकात में लंबे समय तक प्रदर्शन चला था। इसमें मुख्य रूप से डॉक्टर और चिकित्साकर्मी शामिल थे।
क्या था पूरा मामला?
9 अगस्त 2024 को महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कोलकाता पुलिस ने क्राइम सीन से मिले सबूतों के आधार पर सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। बाद में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस केस को अपने हाथों में लिया था और जांच शुरू की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट में संजय रॉय को ही मुख्य आरोपी माना था और उसे लिए कोर्ट से सज़ा ए मौत की मांग की थी।