औरंगजेब विवाद के बाद नागपुर में हिंसा, दो गुटों में झड़प

नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांगो के समर्थन में 17 मार्च सोमवार को नागपुर में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के बाद कुछ संगठनों ने प्रतीकात्मक तौर पर औरंगजेब की कब्र का दहन किया। इसके बाद हुई हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि औरंगजेब की कब्र के प्रतिकात्मक दहन के दौरान इस्तेमाल की गई चादर को लेकर विवाद खड़ा हो गया, मुस्लिम समाज ने दावा किया कि उस चादर में धार्मिक बातें लिखी हुई थी। जिससे उनका कहना है कि उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग नागपुर के महल क्षेत्र में शिवाजी प्रतिमा के सामने इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया।

मुस्लिम समुदाय ने शिकायत दर्ज कराई

नागपुर पुलिस ने हालात को संभालने के लिए प्रदर्शनकारियों को उस स्थान से हटाया इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग गणेश पेठ थाने पहुंच गए और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने हालात से निपटने के लिए इलाके में भारी पुलिसबल को तैनात कर दिया है। हालांकि शाम को दो गुटों में बीच स्थिति बिगड़ गई। दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई और विवाद झड़प में तब्दील हो गया। इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप है और कुछ जगह पर आगजनी भी कई गई। पुलिस ने हालात संभालने के लिए भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। अब पुलिस ने हिंसा वाले इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया है। पुलिस अब हिंसा में शामिल लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर के लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं शहर में शांति और सद्धाव को बिगाड़ती है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति कायम रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने जनता से प्रशासन का सहयोग करने को कहा है। नागपुर एक शांतिपूर्ण और सहयोगी शहर है।

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