उत्तराखंड सरकार ने जारी किया आदेश , उत्तराखंड में लगातार नौ दिनों तक मनाए जाएंगे सांस्कृतिक उत्सव

अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, उत्तराखंड सरकार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश जारी किए हैं कि 14 जनवरी को उत्तरायण उत्सव से लेकर 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तक, उत्तराखंड में लगातार नौ दिनों तक सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाएंगे।

उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को जारी किया आदेश

”जनपद/विकास खण्ड स्तर पर समितियों का गठन कर जनभागीदारी से धार्मिक स्थलों पर कलश यात्रा एवं झांकियों का आयोजन किया जाय, जिसमें महिला मंगल दल, युवक मंगल दल एवं स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाय। प्रदेश के सभी मठ-मंदिरों एवं नदी तटों पर स्थित स्नान घाटों पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए।सभी नगर निकायों, जिला पंचायत, विकास खण्ड एवं ग्राम पंचायत सहित सामाजिक संगठन, स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दल। स्कूलों/कॉलेजों द्वारा युवक मंगल दल और जनभागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।”

आदेश में कहा गया है, ”राज्य के प्रमुख मंदिरों, देवालयों एवं घाटों पर जनभागीदारी से दीपोत्सव एवं आरती का आयोजन किया जाए तथा मंदिरों, देवालयों एवं धार्मिक स्थलों पर रामचरितमानस का पाठ, भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।”

‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों की अवधि में आयोजित किया जाएगा। 16 जनवरी को, मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा नियुक्त यजमान प्रायश्चित समारोह का संचालन करेगा। सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।

इसके बाद 17 जनवरी को भगवान राम की बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंग। 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे।

19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद ‘नवग्रह’ की स्थापना और ‘हवन’ (आग के चारों ओर पवित्र अनुष्ठान) किया जाएगा। राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा।

21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और अंत में उन्हें समाधि दी जाएगी। अंतिम दिन 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में राम लला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *