स्मृति ईरानी का पश्चिम बंगाल में ‘न्याय सत्याग्रह’: गरमा-गरम बयान और तीखी कड़ी की चुनौती

भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों और जमीन कब्जाने के आरोपों पर चल रही सीबीआई जांच को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन कब्जाने के आरोपों की सीबीआई जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में पहला कदम है। हाईकोर्ट ने कहा कि जांच की निगरानी उसके द्वारा की जाएगी, सीबीआई को निर्देश दिया कि वह राजस्व रिकॉर्ड का बारीकी से निरीक्षण, भूमि का निरीक्षण करने के बाद कृषि भूमि को मछली पालन के लिए जल निकायों में कथित अवैध रुपांतरण पर एक व्यापर रिपोर्ट दाखिल करें।

पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में पहला कदम- ईरानी

पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं अदालत के आदेश का दिल से स्वागत करती हूं। संदेशखाली की महिलाओं और गरीब और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में यह पहला कदम है। ईरानी ने आरोप लगाया कि टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान की नहीं बल्कि शाहजहां शेख की रक्षा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब उन्हें राज्य के लोगों को जवाब देना होगा।

भाजपा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने तक मदद करेगी- ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं अदालत के फैसले पर आभार व्यक्त करना चाहती हूं। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई संदेशखाली मामले के पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करेगी। याचिकाकर्ता-वकील प्रियंका टिबरेवाल द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष कथित यौन अत्याचार, भूमि कब्जा,हमले और संपत्ति को नष्ट करने जैसे अन्य अपराधों समेत हलफनामों के रूप में लगभग 600 शिकायतें प्रस्तुत की गई थीं।

यह पीड़ित महिलाओं की जीत- निसिथ प्रमाणिक

वहीं संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि संदेशखाली में हुई घटना दुखद है।अदालत का आदेश न केवल संदेशखाली की महिलाओं की जीत है, बल्कि उन महिलाओं की भी जीत है, जो उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं।

क्या है मामला

गौरतलब है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के मामले में मुख्य आरोपी हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था, जो राशन वितरण घोटाला मामले की जांच के तहत 5 जनवरी को इलाके में छापेमारी कर रहे थे। गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद टीएमसी ने शाहजहां शेख को निलंबित कर दिया।

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