प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों और विरोधी नेताओं के खिलाफ संविधान और राजनीति के बारे में कड़े तंज दिए। उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में हुए कई विवादों पर उठाए सवालों का जवाब दिया और उनकी राजनीतिक रिवायतों को चुनौती दी।
लोकसभा चुनाव के दौरान, सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। उधार, गुजरात के हिम्मतनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के प्रति कांग्रेस की दृष्टिकोण पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में मुस्लिम महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने उदाहरण के रूप में 1985 में शाह बानो मामले को उठाया, जिसमें कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को 1985 के शाह बानो केस की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आजकल संविधान की किताब के साथ घूम रहे हैं, लेकिन शाह बानो केस में कांग्रेस सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय संविधान के अनुसार काम करता है, लेकिन तब कांग्रेस के सम्मान में क्या हो गया था, जब शीर्ष अदालत के फैसले को बदलकर मुस्लिम महिलाओं को किसी भी सुरक्षा से वंचित कर दिया गया।
बताया जाता है कि 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर की शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें उन्होंने अपने पति से गुजारा भत्ता मांगा था। उस दौरान, प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक अधिनियम के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था।
तीन तलाक और अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी भी तीन तलाक की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की हिम्मत नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि वह संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसलिए उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर में इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि पार्टी की वोट-बैंक की राजनीति के कारण मुस्लिम महिलाओं को कांग्रेस शासन में नुकसान उठाना पड़ा है। मोदी ने कहा कि एक साथ तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के उनकी सरकार के 2019 के फैसले ने मुस्लिम महिलाओं और उनके परिवारों को भी सुरक्षा दी है। प्रधानमंत्री के अनुसार वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी तीन तलाक को रोकने की हिम्मत नहीं की। लेकिन, भाजपा को वोट बैंक की चिंता नहीं है।
‘70 साल के शासनकाल में पूरे देश में एक संविधान लागू नहीं कर पाई कांग्रेस’
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता अब दावा कर रहे हैं कि संविधान खतरे में है और आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। हकीकत तो यह है कि कांग्रेस अपने 70 साल के शासनकाल में पूरे देश में संविधान लागू नहीं कर पाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर हमने पूरे देश में एक संविधान लागू किया।
राम मंदिर के मुद्दे पर बोले ये बातें
पीएम मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि अयोध्या में इसका निर्माण 1947 में भारत को आजादी मिलने के अगले ही दिन शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन, कांग्रेस ने कानून बदलने की कोशिश की, जिससे यह मंदिर कभी न बने। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसका निर्माण किया गया। लेकिन, जब मंदिर ट्रस्ट ने कांग्रेस नेताओं को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने अपने वोट-बैंक को खुश करने के लिए निमंत्रण का सम्मान नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेता दावा करते थे कि अगर राम मंदिर बनेगा तो देश जल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आखिरकार राम मंदिर का निर्माण हुआ तो क्या देश जल गया? प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तव में, यह कांग्रेस है जो जल रही है और इसे कोई नहीं बुझा सकता।
अब भारत डोजियर नहीं डोज देता है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब कांग्रेस सरकार किसी आतंकवादी हमले के बाद किसी घटना के बारे में दस्तावेजों का एक डोजियर पड़ोसी देश को भेजती थी। उन्होंने कहा कि आज, भारत डोज देता है, डोजियर नहीं और अब हम आतंकवादियों को उनके ही घर में ढेर करते हैं।