Israel Hamas war: महीने से ज्यादा लगातार चल रहे इजराइल- हमास युद्ध में भारत ने गुरुवार को बिना शर्त तुरंत बंधकों को आजाद करने का आह्वान किया . इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों को स्तिथि सुधार कर शांति वार्ता करने का आग्रह किया .
इस मामले को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का कहना है कि भारत ने नागरिकों की बढ़ती मौत को लेकर चिंता जाहिर की है .
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद की निंदा की,परन्तु गाजा पट्टी में हाल ही में हो रहे मानवीय संघर्ष को रोकने के आह्वान पर मतदान में भाग नहीं लिया . जब बागची से उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया की इजराइली निर्माण उद्योग के लिए 90,000 फिलस्तीनियों के स्थान पर 1 लाख भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने पर विचार कर रहा है.
इस पर बागची ने कहा, उन्हें टेल अवीव से ऐसे किसी भी प्रकार के अनुरोध की जानकारी नहीं मिली है .वैसे बड़े पैमाने पर भारत अपने नागरिकों को विश्व में कहीं भी काम मिल सके , इस पर काम कर रहा है .
विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने युद्धग्रस्त गाज़ा को भारत के जरिए प्रदान की गयी मानवीय सहायता का भी उल्लेख किया .
वही एमइए के प्रवक्ता ने भी अस मामले को लेकर कहा कि, भारत ने 38 टन मानवीय रहत सामग्री इजरायल भी भेजी है . इसी के साथ हमने सख्ती से ध्यान देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कानून पर भी जोर डाला है . जिससे जल्द जल्द शांति स्थापित हो सके.
इसी के साथ युद्ध में घायल हुए लोगों के लिए चिकत्सा सामग्री- जीवन रक्षक दवाइयां और सर्जरी का सामान भी भेजा है .साथ ही साथ फ्लूड और पेनकिलर भी तुरंत रहत पहुंचाने के लिए मानवीय सहायता के रूप में भेजे गए है.
इसके बाद देखना होगा कि क्या भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाई गई ये अपील दोनों देश सुन पाते है कि नहीं?