CAA: नागरिकता संशोधन के बाद राजनीति में हलचल; विपक्ष का विरोध, भाजपा का रुख साफ

नागरिकता संशोधन अधिनियम के पास होने के बाद, राजनीतिक दलों के बीच उत्तेजना बढ़ी है। विपक्ष दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की है, जबकि भाजपा ने इसे समर्थन जताया है।

संसद से पारित होने के चार साल से अधिक समय बाद, आखिरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम से जुड़े नियम लागू हो गए हैं। केंद्र सरकार ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है। इसके बाद, विपक्षी दलों ने, जैसे कि कांग्रेस, टीएमसी, और माकपा, इस कदम के खिलाफ अपना विरोध जताया है। भाजपा ने भी इस कानून को समर्थन दिखाया है, कहते हैं कि वे अपने वचनों के मुताबिक काम कर रहे हैं।

चुनाव से पहले सीएए को लागू करने का आरोप 

कांग्रेस कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद उसे चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश करने का आरोप लगाया है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने चुनावी बॉण्ड पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी इसे ‘हेडलाइन मैनेज करने’ की कोशिश की है।

पिनराई का आपत्ति 

सांप्रदायिक आधार पर विभाजन कानून केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने के बाद इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे सांप्रदायिक आधार पर विभाजन को बढ़ावा देने वाला कानून बताया है और कहा है कि वे किसी भी कीमत पर केरल में इसे लागू नहीं करेंगे।

ममता बनर्जी का विरोध 

नहीं लागू होने देंगे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे लेकर अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि वह इसे किसी भी सूरत में बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार मजबूत होती तो सीएए पहले ही लागू कर देती।

अखिलेश यादव का तंज 

ये बातें क्यों नहीं की गईं अखिलेश यादव ने सीएए को लेकर भी तंज दिया है, कहते हैं कि जब यह चार सालों से पहले पारित हो गया था, तो उसे क्यों नहीं लागू किया गया? उन्होंने इसे राजनीतिक योजना बताकर कुख्यात किया और चुनावी बांड को लेकर भी सवाल किए।

अमित शाह की प्रतिक्रिया 

देश के हित में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर कहा है कि यह भारत के हित में है और यह आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाने का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि इसे नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है और इससे देश को आत्मनिर्भरता मिलेगी।

माधवी लता का ओवैसी पर पलटवार 

सीएए को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी पर हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख को पहले अपने क्षेत्र के मुसलमानों की चिंता करनी चाहिए। उनकी गरीबी के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में आने वाले पुराने हैदराबाद शहर में न साफ-सफाई है, न बिजली के खंभे और लाइटें हैं। उन्होंने सवाल किया कि निगम के बजट से किसकी जेबें भरी जा रही हैं। ओवैसी पसमांदा मुसलमानों के विकास के लिए कितना खर्च किया?

जो कहते हैं, वो करते हैं, यही मोदी गारंटी है : प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सीएए लागू कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि जो वो कहते हैं, वो करते हैं। यही मोदी गारंटी है। इसके साथ ही प्रधान ने सीएए लागू करने के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट में प्रधान ने कहा कि सीएए को लागू करना भारतीयता और उसके करुणा, सद्भाव, समावेशिता और भाईचारे के सभ्यतागत लोकाचार का सच्चा प्रतिबिंब है। यह उन 6 अल्पसंख्यक समुदायों की गरिमा को सुरक्षित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा जो उपमहाद्वीप में दशकों के धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में चले आए हैं। इससे उस ऐतिहासिक अन्याय का अंत हो जाएगा जो विभाजन के परिणामस्वरूप लाखों परिवारों को झेलना पड़ा।

सीएए भेदभावपूर्ण कानून, समानता के अधिकार का उल्लंघन : एमनेस्टी इंडिया

नागरिकता संशोधन अधिनियम को एक भेदभावपूर्ण कानून बताते हुए एमनेस्टी इंडिया ने कहा कि यह कानून समानता के अधिकार का उल्लंघन है। सोशल मीडिया पोस्ट में मानवाधिकार निकाय ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के सांविधानिक मूल्यों के खिलाफ है।

मतुआ समुदाय को नागरिकता का अधिकार देगा सीएए : शांतनु ठाकुर

मतुआ समुदाय के सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने सीएए को लागू करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। साथ ही कहा, यह मतुआ समुदाय को नागरिकता का अधिकार देगा। सोशल मीडिया पोस्ट में ठाकुर ने कहा, इस फैसले से देशभर और पश्चिम बंगाल का मतुआ समुदाय खुश है क्योंकि वे 20वीं सदी से लड़ी जा रही लड़ाई के बाद एक नई यात्रा शुरू कर रहे हैं। उन्होंने देश के नेतृत्व पर भरोसा रखने के लिए मतुआ समुदाय को धन्यवाद दिया।

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