शंभू बॉर्डर पर पुलिस का एक्शन, किसानों को हटाया गया

पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 महीने से बैठे किसानों पर पंजाब पुलिस ने एक्शन लिया है। दोनों बॉर्डर से किसानों को हटा दिया गया है। किसानों के टेंट को बुलडोजर से तोड़ दिया गया है। पुलिस ने करीब 800 किसानों को हिरासत में लिया है। इनमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि किसानों की वजह से लोगों को भारी परेशान हो रही थी। उनकी कोशिश है कि आज यानी 21 मार्च को रोड को खुलवा दिया जाए। इस इलाके में 2 हजार पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और आवाजाही पर पाबंदी है। प्रशासन की तरफ से फिलहाल नेट भी बंद कर दिया गया है। खासतौर पर खनौरी सीमा और आसपास के संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। आपको बता दें कि पुलिस की सख्ताई तब शुरू हुई जब केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बातचीत चंडीगढ़ में हुई।

पंजाब की मान सरकार का एक्शन

मान सरकार एक साल के बाद एक्शन में आई और किसानों के टेंटों को बुलडोजर से हटा दिया गया। दो बॉर्डर पर इस तरह की कार्रवाई हुई है। कई बुलडोजर की मदद से किसानों के टेंटों को गिरा दिया गया है। कई घंटे तक ये बुलडोजर काम करते रहे किसान भी इस तरह की कार्रवाई की उम्मीद नहीं कर रहे थे। किसानों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से कोई नोटिस नहीं दिया गया और एक साथ शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली कर दिया गया। पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जब हिरासत में लिया तब पंजाब पुलिस और किसानों के साथ अच्छी खासी झड़प हुई। किसानों ने पुलिस को रोकने की पूरी कोशिश की। काफी देर तक टकराव के हालात बने रहे लेकिन पुलिस ने आखिर में डल्लेवाल को हिरासत में ले लिया और धरनास्थल से दूर ले गई। उधर खनौरी बॉर्डर पर भी अचानक एक्शन हुआ।
पुलिस का कहना है कि कारोबारियों की मांग पर हाईवे को खोला गया है। और बॉर्डर पुलिस अभी कुछ दिन और रहेगी ताकि किसान दोबारा न आएं। हालांकि इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। सारी विरोधी पार्टियों ने एक साथ मिलकर आप सरकार का घेराव किया है। बीजेपी का आरोप है कि केंद्र के साथ बातचीत सफल न हो इस डर से एक्शन हुआ है। जबकि आप कह रही है कि हाईवे रुकने से राज्य की तरक्की रुक रही थी।

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