विधानसभा में 25 फरवरी को शराब नीति से जुड़ी सीएजी की रिपोर्ट पेश की गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब नीति से जुड़ी कैग की रिपोर्ट को पेश किया। ये ऑडिट 2017-2018 से 2020-2021 तक की चार अवधि का है। विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली की शराब पॉलिसी बदलने से 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सीएजी की रिपोर्ट में क्या है?
1. आम आदमी पार्टी सरकार की नई शराब नीति से 2002 करोड़ का नुकसान
2. गलत फैसलों की वजह से दिल्ली सरकार को भारी नुकसान
3. जोनल लाइसेंस जारी करने में छूट से 940 करोड़ का नुकसान
4. रिटेंडर प्रक्रिया से 890 करोड़ रुपये का नुकसान
5. कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से 28 दिसंबर 2021 से 27 जनवरी 2022 तक शराब कारोबारियों को लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ की छूट दी गई
6. सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से इकट्ठा नहीं करने से 27 करोड़ का नुकसान
7. शराब नीति खत्म होने तक कुछ खुदरा विक्रेता लाइसेंस का इस्तेमाल करते रहे
8. थोक विक्रेताओं का मार्जिन दोगुने से ज्यादा
9. एक कारोबारी को 54 शराब की दुकानों को चलाने की अनुमति
10. कुछ खास ब्रांड को बढ़ावा दिया गया
11. कैबिनेट और उपराज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली
12. कई इलाकों में अवैध रूप से शराब की दुकानें खोली गई