Uttarakhand Weather: मौसम विभाग ने चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बारिश का रेड अलर्ट और उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, हरिद्वार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
रुड़की देहात क्षेत्र में 30 से अधिक मकानों को नुकसान हुआ। वहीं, छह की छत गिर गई। उधर, लक्सर की कई कॉलोनियों में पानी भर गया। सड़कें भी जलमग्न नजर आईं। सोलानी नदी पर बना तटबंध भी दो स्थानों पर टूट गया। इसके चलते 24 गांवों में बाढ़ से हालात हुए।
प्रदेश में बारिश के चलते बुधवार को 449 सड़कें बंद रहीं। इस मानसून सीजन में सड़कों के बंद होने की यह पहली बड़ी संख्या थी। इससे पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा पर निकले लोग और तीर्थयात्री जगह-जगह फंसे रहे। ग्रामीण सड़कों की हालत भी खराब हो गई। सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया। इधर, सरकार ने लोगों से भारी बारिश में पहाड़ों की यात्रा नहीं करने की सलाह दी।
सुल्तानपुर में पानी से भरे गड्ढे में डूबकर एक आठ साल के मासूम की मौत हो गई। करीब तीन घंटे बाद शव को गड्ढे से बाहर निकाला गया। बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं, हादसे की सूचना पुलिस को नहीं दी गई।
भारी बारिश के चलते खेत, तालाब, गड्ढे सभी पानी से लबालब हो रहे थे। बुधवार को सुल्तानपुर क्षेत्र के मोहम्मदपुर कुन्हारी गांव निवासी सुभान अली का आठ साल का बेटा अर्सलान कुछ बच्चों के साथ बारिश में नहा रहा था। नहाते समय बच्चे रास्ते में इधर-उधर दौड़ रहे थे। बताया जा रहा है कि गांव के पास मिट्टी की खोदाई होने से एक गहरा गड्ढा बना हुआ था। बच्चे बारिश में नहाते हुए गड्ढे के किनारे पहुंच गए। इस दौरान अर्सलान का पैर फिसलकर गड्ढे में गिर गया।
अर्सलान के साथ नहा रहे बच्चों ने मामले की जानकारी उसके परिजनों को दी। परिजनों ने मौके पर पहुंचकर गड्ढे में उसकी तलाश की। इस बीच ग्रामीणों की भीड़ भी जमा हो गई। पूर्व ग्राम प्रधान ताहिर हसन ने बताया कि करीब तीन घंटे के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं, बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर, सुल्तानपुर पुलिस चौकी प्रभारी मनोज नौटियाल का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच की जा रही है।
विकासनगर के त्यूणी के मोरी टैक्सी स्टैंड व चांदनी पुल के पास पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने से चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। घटना में दो ट्रक, एक जेसीबी व एक सवारी जीप क्षतिग्रस्त हुईं। गनीमत रही कि वाहनों के आस-पास किसी व्यक्ति के नहीं होने से जान-माल की हानि नहीं हुई।
बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर बुधवार को बारिश के बीच मुनी की रेती कैलाश गेट में कांवड़ियों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान वहां जाम की स्थिति बन गई।
उत्तरकाशी पुलिस ने गत चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते सुरक्षा को देखते हुए ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया है। बुधवार को पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने पत्रकारों से वार्ता में ट्रैफिक प्लान में हुए बदलाव की जानकारी दी। गंगोत्री से उत्तरकाशी आने वाले वाहनों को शाम पांच बजे तक ही भेजा जाएगा। जबकि, उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले वाहनों को शाम साढ़े छह बजे के बाद भटवाड़ी से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। इसी तरह हर्षिल से उत्तरकाशी आने वाले वालों को छह बजे तक ही भेजा जाएगा। जबकि भटवाड़ी से उत्तरकाशी आने वाले वाहनों को शाम 7 बजे तक ही जाने की अनुमति होगी। एसपी ने सभी तीर्थयात्रियों से मौसम का अपडेट लेकर ही यात्रा प्लान तैयार करने और भारी बारिश के बीच अनावश्यक जोखिम नहीं लेने की अपील की।
भारी बारिश के बीच राज्यपाल गुरमीत सिंह बुधवार दोपहर अचानक सचिवालय स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे। उन्हें अचानक वहां देख अफसरों में हड़कंप मच गया। राज्यपाल ने अधिकारियों से बारिश के कारण हुए नुकसान की जानकारी ली।
रुड़की में शहर से लेकर देहात तक बारिश ने तबाही मचा दी है। खानपुर क्षेत्र में बाढ़ आने से खेत तबाह हो गए। वहीं, पूरे शहर में बाणगंगा का पानी भर गया। क्षेत्र के शाहपुर गांव के जंगल में अपनी जमीन पर रखवाली कर रहा परिवार बाढ़ में फंस गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही वहां फंसी महिला को बाहर निकाला।
भारी बारिश के चलते गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। जिसके चलते भटवाड़ी और गंगनानी में वाहनों को रोका गया है।
पौड़ी जिले के जहरीखाल ब्लॉक की सतपुली तहसील के इगारा गांव में भारी बारिश अतिवृष्टि से नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। स्थानीय निवासी राजेश ध्यानी ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ने से पूरे गांव के खेत खलिहान नदी में तब्दील हो गए हैं। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है।
उत्तराखंड के नरेंद्रनगर में 15 जुलाई को प्रस्तावित मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक भारी बारिश को देखते हुए स्थगित कर दी गई है। यह बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होनी थी। मुख्यमंत्री धामी ने इसकी सूचना दी है।
यमुनोत्री हाईवे झर्झर गाड़ से रानाचट्टी के बीच भू-धंसाव की चपेट में आने से बंद हो गया है। हाईवे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, मूसलाधार बारिश में दोनों ओर फंसे हुए स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालु हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों एवं हिमाचल प्रदेश में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों की सहायता के लिए सरकार ने आपदा राहत नंबर जारी किए हैं। किसी भी मदद हेतु के लिए लोग इन नंबरों 9411112985, 01352717380, 01352712685 पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही 9411112780 नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज कर सकते हैं। सीएम धामी ने ट्ववीट कर इसकी जानकारी दी है।