उत्तर प्रदेश पर्यटन और संस्कृति विभाग और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी), नई दिल्ली ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर बौद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अनुबंध 10 वर्ष के लिए है, जिसे आपसी सहमति से भविष्य में बढ़ाया जा सकता है।
यूपी न्यूज़ : उत्तर प्रदेश पर्यटन और संस्कृति विभाग और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी), नई दिल्ली ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर बौद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अनुबंध 10 वर्ष के लिए है, जिसे आपसी सहमति से भविष्य में बढ़ाया जा सकता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, इसका उद्देश्य घरेलू और वैश्विक स्तर पर आपसी सहयोग से बौद्ध धर्म और बौद्ध संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है।
उत्तर प्रदेश में कई बौद्ध विरासत स्थल हैं और बौद्ध पर्यटन की अधिकतम संभावनाएं हैं। ऐसे स्थलों पर पर्यटन स्थलों एवं पर्यटन सुविधाओं का लगातार विकास किया जा रहा है। सिंह ने कहा, दक्षिण-पूर्व एशिया से हर साल लाखों बौद्ध पर्यटक राज्य में आते हैं।
उन्होंने कहा, “हम राज्य भर में बौद्ध स्थलों की पहचान करेंगे और उन्हें विकसित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) को जमीन उपलब्ध कराएंगे।”
इस अवसर पर मौजूद पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि आईबीसी की मदद से बौद्ध विरासत स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक अभिजीत हलदर ने कहा कि आईबीसी भगवान बुद्ध से जुड़े पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए लगभग 40 देशों के संपर्क में है। पर्यटन विभाग के विशेष सचिव अश्विनी कुमार पांडे और निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा भी उपस्थित थे।