मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बाढ़ से निपटने की तैयारियों ने उत्तर प्रदेश में हजारों लोगों की जान बचाई। मानसून से पहले की गई व्यापक तैयारियों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने सफलतापूर्वक राहत कार्य किए। योगी आदित्यनाथ ने खुद बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया और आवश्यक सहायता वितरित की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए की गई अग्रिम तैयारियों ने जनता को बड़े नुकसान से बचा लिया है। मानसून से पहले अतिसंवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में की गई तैयारियों का परिणाम है कि हजारों लोगों की जान बचाने में सरकार सफल रही है। पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 12 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता के कारण अफसर भी ग्राउंड जीरो पर सक्रिय दिखाई दिए।
योगी आदित्यनाथ ने स्वयं बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और नाव से भी स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री किट वितरित की और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान अपनों को खोने वाले परिवारों को सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया। श्रावस्ती के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में 11 लोगों का रेस्क्यू करने वाले 7 लोगों को सीएम ने प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया।
जून में ही पूरी हो गई थीं तैयारियां
योगी सरकार ने प्रदेश में मानसून के आगमन से पहले ही बाढ़ की तैयारियां शुरू कर दी थीं। सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील 24 और संवेदनशील 16 जिलों में आपदा की स्थिति बनने से पहले ही सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। इसको लेकर सीएम योगी ने जून के दूसरे सप्ताह से ही अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया था। सीएम ने राहत कार्यों से जुड़े अधिकारियों को शासनस्तर से लेकर फील्ड में तैनात अधिकारियों को पूरी तत्परता से काम करने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर राहत कार्यों की समीक्षा की। बैठक में सीएम ने राहत कार्यों के दौरान छोटी-छोटी कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियां सामान्य हैं और लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है।
निरंतर निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप अधिकारियों ने फील्ड में उतरकर राहत कार्यों को अंजाम दिया। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर निगरानी की जा रही है। श्रावस्ती में नेपाल द्वारा अचानक पानी छोड़े जाने के बाद खेत में काम कर रहे 11 श्रमिकों को रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बचाया गया। पीलीभीत में टापू पर फंसे 7 लोगों को एयरफोर्स की सहायता से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया। कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 76 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 11,962 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। 21,239 से अधिक मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 804 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं, जिसमें कुल 1,365 लोग रह रहे हैं। वहीं, 1,178 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जिनके जरिए लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है। इन क्षेत्रों में 914 नाव चलाई जा रही हैं। आपदा से प्रभावित लोगों को 23,93,41 से अधिक लंच पैकेट और 7,345 से अधिक खाद्यान्न सामग्री की किट वितरित की गई है।
बाढ़ शरणालयों में आपदा प्रभावितों को घर जैसी सुविधा
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए 12 एनडीआरएफ, 9 एसडीआरएफ, 23 पीएसी और 1 एसएसबी को तैनात किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आर्मी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी से निरंतर समन्वय बना हुआ है। पीलीभीत में 7,433 व्यक्तियों को नाव द्वारा तथा 170 मवेशियों को रेस्क्यू किया गया। श्रावस्ती में 213 मवेशियों और 2,280 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया। बाढ़ शरणालयों में प्रत्येक शरणार्थी के लिए स्वच्छ और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेडिकल टीम गठित की गई है। पेय जल, औषधियों और ओआरएस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। शरणार्थियों के विश्राम के लिए बिस्तरों की भी व्यवस्था की गई है। शरणालयों में रात्रि के लिए प्रकाश व्यवस्था, शिशुओं के लिए दूध व पुष्टाहार, महिलाओं के लिए स्वच्छता किट और उनकी प्राइवेसी सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक शरणालय में सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। बाढ़ के कारण विषैले जंतुओं की सक्रियता को देखते हुए ब्लॉक स्तर पर एंटीवेनम, औषधियों और इंजेक्शनों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पाले जा रहे पशुओं को ऊंचे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और उनके लिए चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।