मणिपुर: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, “बीजेपी की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को 40 से ज्यादा दिनों तक जलाए रखा, जिसमें सौ से ज्यादा लोग मारे गए। प्रधानमंत्री ने भारत को विफल कर दिया है और पूरी तरह चुप हैं। हिंसा के इस चक्र को खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए।” राहुल ने आगे लिखा, “आइये इस ‘नफरत के बाजार’ को बंद करें और मणिपुर में हर दिल में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलें।”
आपको बता दें कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं पूरी तरह से थमी नहीं हैं। बुधवार (14 जून) रात इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने महिला मंत्री और कुकी समुदाय की नेता नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास को आग के हवाले कर दिया। वहीं, जातीय संघर्ष से प्रभावित खमेनलोक इलाके के एक गांव में बुधवार को ही संदिग्धों हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग जख्मी हो गए।
इस घटना के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी हिंसा के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की लापरवाही और लचर रवैए के कारण मणिपुर में हालात बेकाबू हो गए हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में करीब महीनेभर पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसा शुरू हुई थी, जिसके चलते 100 से ज्यादा लोगों ने जानें गंवा दीं। शांति बहाली के लिए राज्य में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फिलहाल राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू लगा है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन हुआ था, जिसके बाद झड़पें हुई थीं।
इस घटना के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी हिंसा के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की लापरवाही और लचर रवैए के कारण मणिपुर में हालात बेकाबू हो गए हैं।