दिल्ली विधानसभा में नगर निगम चुनाव को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की सड़कों की हालत बिगड़ गई। वहीं, आतिशी और सिसोदिया ने भाजपा पर कड़े प्रहार किए। क्या वाकई केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे कोई राजनीतिक साजिश है? जानिए दिल्ली की सियासत के सबसे बड़े रहस्य!
दिल्ली विधानसभा में हंगामा: नगर निगम चुनाव पर गरमाई राजनीति
दिल्ली नगर निगम के चुनाव के मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। आज विधानसभा सत्र का दूसरा और अंतिम दिन था, जिसमें राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने माहौल को गर्मा दिया।
केजरीवाल का आरोप: “दिल्ली की सड़कों को ठप करने की साजिश”
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी के साथ दिल्ली की सड़कों का दौरा किया। केजरीवाल ने दावा किया कि उनके जेल जाने से पहले सड़कों की हालत अच्छी थी, लेकिन अब वे खराब हो चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे दिल्ली के विकास को रोकने की साजिश थी। केजरीवाल ने आतिशी को पत्र सौंपते हुए कहा, “दिल्ली की सड़कों की हालत पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।”
सीएम आतिशी का बयान: “खुशी के साथ दुख भी”
मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने संबोधन में कहा, “आज का दिन आम आदमी पार्टी के लिए खुशी का दिन है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों विधानसभा में मौजूद हैं।” हालांकि, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि भाजपा की साजिशों के चलते अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं हैं।
विजेंद्र गुप्ता के बयान पर सिसोदिया का पलटवार
मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि जिस प्रकार आतंकवादियों और ड्रग माफियाओं पर केस लगाए जाते हैं, वैसे ही केस अरविंद केजरीवाल और मुझ पर लगाए गए हैं। सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के बजट पर चर्चा करते हुए कहा, “जब मैंने पहला बजट पेश किया था, तब दिल्ली का बजट 30,000 करोड़ था, जो अब 75,000 करोड़ से अधिक है। यदि हमें भ्रष्टाचार करना होता, तो यहीं कर लेते, लेकिन हमने ईमानदारी से टैक्स कलेक्शन बढ़ाकर बजट को कई गुना किया।”
लोकतंत्र की हत्या का आरोप
आप विधायकों ने नगर निगम चुनाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि उपराज्यपाल (एलजी) ने मेयर की जिम्मेदारी होते हुए भी पीछे के रास्ते से चुनाव करवाने की कोशिश की। भाजपा विधायक अभय वर्मा ने इसका पलटवार करते हुए कहा कि आप ने लोकतंत्र की हत्या की है और चुनाव की तारीखें पहले ही घोषित हो चुकी हैं, तो चुनाव से भागने का कोई कारण नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष का तीखा बयान
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा, “दिल्ली के उपराज्यपाल ने नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की। ऐसा लगता है कि उन्होंने चंडीगढ़ की घटना से कोई सबक नहीं लिया।”
मेरी राय
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का आत्मविश्वास दिखाता है कि वे खुद पर लगे आरोपों को एक राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं। वहीं, भाजपा द्वारा उठाए गए सवालों से यह स्पष्ट है कि चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तनाव अपने चरम पर है। दिल्ली की जनता के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन राजनीतिक खींचतान का असर सीधे तौर पर विकास कार्यों पर कितना पड़ता है। सड़कों की खराब स्थिति और अन्य अधूरे प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देना प्राथमिकता होनी चाहिए।