पीएम मोदी के फ्रांस दौरे को उनकी हालिया अमेरिका यात्रा की तरह ही बेहद अहम माना जा रहा है। उन्हें फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तरफ से बास्तील दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का न्योता मिला है। इस दौरान मोदी कई महत्वपूर्ण बैठकों में उपस्थित रहेंगे। रक्षा बलों द्वारा प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखे गए हैं और इस सप्ताह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इसकी घोषणा होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी फ्रांस यात्रा दोनों ही देशों के बीच 25 साल पुरानी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने वाली साबित होगी। सूत्रों के मुताबिक, मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर जोर रहा। साथ ही, इससे भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को नए आयाम मिलने के आसार थे।
पीएम मोदी के फ्रांस दौरे को उनकी हालिया अमेरिका यात्रा की तरह ही बेहद अहम माना जा रहा था। उन्हें फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तरफ से बास्तील दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का न्योता मिला था। यह दौरा इस लिहाज से भी ज्यादा मायने रखता था कि दोनों देश इस साल अपनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे थे। इस दौरान मोदी कई महत्वपूर्ण बैठकों में उपस्थित रहे। इनमें विशेष रूप से एक निजी रात्रिभोज और सीईओ के साथ संयुक्त बैठक शामिल थी। वे बास्तील दिवस पर प्रतिष्ठित लौवर संग्रहालय में राजकीय भोज में भी शामिल हुए। मोदी की राष्ट्रपति मैक्रों, पीएम बोर्न के अलावा सीनेट व नेशनल असेंबली के अध्यक्षों सहित अन्य नेताओं से वार्ता हुई। ब्रुसेल्स स्थित यूरोप इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव सुनील प्रसाद ने एक रिपोर्ट में लिखा, पीएम मोदी की यात्रा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के अगले चरण की ओर बढ़ने का एक मौका था।
14 जुलाई को होने वाले बास्तील दिवस परेड में भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की 269 सदस्यीय टुकड़ी फ्रांस की तीनों सेनाओं की टुकड़ी के साथ मार्च करते हुए दिखाई दी। विदेशी नेताओं को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इससे भी दुर्लभ बात यह थी कि इसमें विदेशी मार्चिंग टुकड़ियों व विदेशी विमानों का भाग लिया गया।
एक बड़े घटनाक्रम में, भारत फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पारंपरिक पनडुब्बियां खरीदने की योजना बना रहा है। रक्षा बलों द्वारा प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखे गए हैं और इस सप्ताह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इसकी घोषणा होने की संभावना है। प्रस्तावों के अनुसार, भारतीय नौसेना को चार प्रशिक्षक विमानों के साथ 22 सिंगल सीटेड राफेल समुद्री विमान मिलेंगे। नौसेना इन लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों को तत्काल हासिल करने के लिए दबाव डाल रही थी क्योंकि देश भर में सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर इनकी कमी हो रही थी। विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत मिग-29 का संचालन कर रहे हैं और दोनों वाहकों पर परिचालन के लिए राफेल की जरूरत है।
इस बीच, तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को नौसेना द्वारा प्रोजेक्ट 75 के हिस्से के रूप में रिपीट क्लॉज के तहत हासिल किया जाएगा, जहां उन्हें मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड में बनाया जाएगा। अनुमान है कि सौदे 90,000 करोड़ रुपये से अधिक के होंगे, लेकिन अंतिम लागत अनुबंध वार्ता पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगी जो सौदे की घोषणा के बाद आयोजित की जाएगी।