विश्व स्वास्थ संगठन की माने तो, भारत मे प्रति 10000 जनसंख्या मे 2443 लोग किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं l तत्कालीन प्रकाशित एक शोध के अनुसार भारत मे मानसिक स्वास्थ्य विकारों मे 35% की वृद्धि पाई गई है l
इस शोध के अनुसार 20 करोड़ भारतीय या हर 7 मे से 1 किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित है l
बचपन और किशोरावस्था से लेकर वयस्क होने तक, जीवन के हर अवस्था मे मानसिक स्वास्थ को कई चीजे प्रभावित करती है l इसे देखते हुवे भारत सरकार के स्वस्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमे आपको यह जानकर हैरानी और आश्चर्य होगी कि इसे शुरू करने के सात महीने के अंदर ही एक लाख से अधिक लोगों ने इस हेल्पलाइन पर संपर्क की है l
टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग एक्रॉस स्टेटस यानी टेली मानस नाम से है l इसके विशिष्ट लक्ष्यों और उदेश्य को प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय तकनिकी सलाहकार समूह और तीन तीन तकनिकी सलाहकार उप समिति काम करती है l
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अवसाद और एग्जाइटी दुगनी होती है l भारत में दो तिहाई विवाहित महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं l
महिलाओं में मेंटल प्रॉब्लम के लिए सबसे अधिक घरेलू हिंसा जिम्मेदार है I
एक अध्ययन के अनुसार ग्रामीण आबादी के मुकाबले शहरी क्षेत्र की महिलाएं 2 से 3 गुना ज्यादा मानसिक समस्या से जूझती है l घरेलू हिंसा के अलावा परिवार का देखभाल का बोझ और आर्थिक समस्या का योगदान अधिक होना इसका बड़ा कारण है l
इंसान मानसिक रूप से स्वस्थ होने पर ही जीवन के तनावो का सामना करना, अपनी क्षमताओ को पहचानना और सोसाइटी को अपना योगदान देने मे सक्ष्म पाते है l
ऐसे लोगों को अपने आस पास के लोगों, सगे सम्बन्धियों से जुड़े रहने कि कोशिश करनी चाहिए l मेन्टल हेल्थ के लिए अच्छे रिश्ते, अच्छा परिवार और एक बेहतर समाज अति महत्वपूर्ण है I
इसके अलावा हमे कुछ न कुछ सिखने की हमेशा कोशिश करती रहनि चाहिए I यह मनोरोग से बचाव का एक बढ़िया तरीका है l
इसके साथ ही एक और बात जो आज कल ज्यादातर देखने को मिल रहा है, वो है आज झूठी दिखावा के चक्कर मे पड़कर या यूँ कहे आमदनी से ज्यादा खर्चे से भी लोग अकसर तनाव की स्थिति मे बने रहते है l