शंघाई सहयोग संगठन में जयशंकर का पाकिस्तान को करारा जवाब: आतंकवाद रुके बिना व्यापार नहीं!

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में बिना नाम लिए पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। आतंकवाद पर रोक के बिना व्यापार और सहयोग संभव नहीं—भारत का सख्त संदेश! जानें कैसे जयशंकर ने पाकिस्तान को उसी के घर में लताड़ा और दुनिया को दी शांति और विकास की नई दिशा।

पाकिस्तान को जयशंकर की कड़ी चेतावनी: शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत की सशक्त भूमिका

पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जब तक आतंकवादी गतिविधियाँ जारी रहेंगी, व्यापारिक और आर्थिक संबंधों का विस्तार संभव नहीं है। अपने मजबूत और सटीक शब्दों से जयशंकर ने पाकिस्तान को उसी की ज़मीन पर करारा जवाब दिया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के दृढ़ रवैये का प्रतीक है।

“दुनिया दो युद्धों और संकटों से जूझ रही है”

शंघाई सहयोग संगठन के मंच से जयशंकर ने कहा कि वर्तमान में दुनिया दो बड़े युद्धों के कारण गंभीर संकट का सामना कर रही है। इसके साथ ही कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन, और आपूर्ति श्रृंखला की अस्थिरता ने विकासशील देशों को और कमजोर बना दिया है। ऐसे में, देशों के बीच आपसी सहयोग और विश्वास की जरूरत पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। एससीओ सदस्य देशों को आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरपंथ जैसी चुनौतियों से मिलकर निपटना होगा।

पाकिस्तान को दिया स्पष्ट संदेश

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जब विश्वास की कमी और पड़ोसी देशों के साथ आपसी सहयोग नहीं होता, तब आत्ममंथन की आवश्यकता होती है। अगर हम ईमानदारी से एससीओ के चार्टर का पालन करेंगे, तभी आपसी सहयोग और विश्वास के लाभ देख पाएंगे। आज की दुनिया बहु-ध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है और इसमें सभी देशों को अपने फायदे के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।

भारत की भूमिका: शांति और विकास का संदेश

जयशंकर ने कहा, “शांति और स्थिरता के बिना विकास संभव नहीं है। आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरपंथ की स्थिति में व्यापार, ऊर्जा सहयोग, और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना बेहद मुश्किल हो जाएगा।” उन्होंने औद्योगिक सहयोग, लॉजिस्टिक सुधार, और पर्यावरण, स्वास्थ्य, और ऊर्जा क्षेत्रों में आपसी सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया, जो एससीओ देशों के लिए नये अवसर खोल सकता है।

भारत सरकार की वैश्विक पहलों की सराहना

भारत द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय अभियानों जैसे इंटरनेशनल सोलर अलायंस, मिशन लाइफ, और ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का ज़िक्र करते हुए विदेश मंत्री ने इन अभियानों से प्रेरणा लेने और एससीओ में इसे बढ़ाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, महिला सशक्तिकरण, और जैव विविधता की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया।

मेरा सुझाव

जयशंकर की यह बात साफ करती है कि भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ, अपने पड़ोसी देशों से अपेक्षा करता है कि वे भी आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने में सहयोग दें। इस बैठक में दिए गए संदेश से यह स्पष्ट है कि भारत अब कूटनीतिक मंचों पर अपने हितों को दृढ़ता से रख रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका को सशक्त कर रहा है।

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