केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी देकर बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उनके औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, साथ ही पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन जैसी सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं।
शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। इनमें सबसे प्रमुख घोषणा एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) से जुड़ी थी, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई है। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें सरकारी कर्मचारियों को, पुराने पेंशन स्कीम (ओपीएस) की तरह ही, सेवानिवृत्ति के बाद उनके औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। हालांकि, इसके लिए कुछ नियम और शर्तें भी निर्धारित की गई हैं।
कैबिनेट ने यूपीएस की सिफारिश को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी पूरे देश में विभिन्न सेवाओं के माध्यम से जनता की सेवा करते हैं, जैसे रेलवे, पुलिस, डाक सेवा, चिकित्सा आदि। इन कर्मचारियों का समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान है, और उनकी सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर समय-समय पर चर्चा होती रही है। पेंशन, जो सेवानिवृत्ति के बाद दी जाती है, सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से मांग रही है कि नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) में सुधार किए जाएं। इसी को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल 2023 में डॉ. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया, जिसने विभिन्न कर्मचारी संगठनों और अन्य संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर एकीकृत पेंशन योजना की सिफारिश की। कैबिनेट ने इस सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
यूपीएस के पांच प्रमुख स्तंभ, योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी
- 50% सुनिश्चित पेंशन:
यूपीएस के तहत सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह सुविधा उन कर्मचारियों को दी जाएगी जिन्होंने 25 वर्ष या उससे अधिक सेवा की हो। यदि किसी कर्मचारी ने 10 से 25 वर्ष के बीच सेवा की है, तो उन्हें उसी अनुपात में पेंशन मिलेगी। - पारिवारिक पेंशन:
यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी पेंशन का 60% हिस्सा उनके परिवार को मिलेगा। - न्यूनतम पेंशन:
कम से कम 10 वर्ष की सेवा के बाद, कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलेगी। महंगाई भत्ते के साथ यह राशि वर्तमान में 15,000 रुपये के करीब होगी। - महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन:
सभी प्रकार की पेंशन जैसे सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन को महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन मिलेगा, जिससे यह महंगाई के प्रभाव से सुरक्षित रहेंगी। - सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान:
30 साल की सेवा के बाद, कर्मचारी को वेतन और महंगाई भत्ते के 10% के बराबर एकमुश्त भुगतान मिलेगा।
23 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
इस योजना का लाभ केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। यदि कोई कर्मचारी एनपीएस में रहना चाहे, तो वह उसी में बना रह सकता है। राज्य सरकारें भी इस योजना को अपना सकती हैं, जिससे 90 लाख और कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है। केंद्र सरकार ने अपने योगदान को बढ़ाकर 18.5% कर दिया है, जो पहले 14% था। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
किन्हें मिलेगा फायदा?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने बताया कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्हें एरियर्स भी दिए जाएंगे, जिसके लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत केंद्र का योगदान बढ़ने के साथ-साथ 6250 करोड़ रुपये का वार्षिक प्रावधान भी रखा गया है।