Dehradun News: गृहमंत्री अमित शाह देहरादून में आईटीबीपी की रेज़िंग डे परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. यह आईटीबीपी का 62 वां स्थापना दिवस था.
गृहमंत्री ने कहा आईटीबीपी अपनी स्थापना के बाद से यह सेवा देश की सुरक्षा का एक मजबूत चेहरा बनकर उभरी है.
गृहमंत्री शाह ने कहा, आईटीबीपी की स्थापना ६२ साल पहले 7 डिवीज़न के साथ हुई. वह आज 17 ट्रेनिंग सेंटर, 5 सीमान्त और 2 कमांडो हेडक्वार्टर्स हैं. जिसमे 1 लाख कार्मिक हैं.
शाह ने कहा, आज ही स्व – स्थायी ऊर्जा निर्माण लागू हुआ है जो सैनिकों को 45 डिग्री सेल्सियस तापमान पर काम करने में सहायक होगी. 17000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्व – स्थायी ऊर्जा निर्माण, यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है.
गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सोचा था कि ” क्या ड्रोन ज़्यादा ऊंचाई वाले गांवों में जीवनयापन का सामान पहुंचा सकते हैं. ” और आज यह सपना सच भी किया. ” आज एक ड्रोन 15 किलो दवाइयां और सब्जियां लेकर दूर दराज के क्षेत्र में पहुंचा है. यह एक बड़ी शुरुआत है.
क्या है आईटीबीपी
आईटीबीपी एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जो गृहमंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह भारत – चीन सीमा पर 3488 किमी तक की सुरक्षा का भार संभालती है. यह कराकोरम दर्रे से लेकर जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश में जेचप ला, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से लद्दाख तक फैली है.
आईटीबीपी के कार्य
उत्तरी सीमा पर चौकसी
सीमा के उल्लंघन करने वालों का पता लगाना
स्थानीय निवासियों में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना
अवैध अप्रवासन, सीमा पर तस्करी और अपराधों की जांच करना
नक्सल विरोधी अभियान
संयुक्तराष्ट्र शांति रक्षा अभियान
1981 से कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सुरक्षा व चिकित्सा सम्बन्धी सुविधा प्रदान करते हैं
पूरे देश में राष्ट्रिय महत्त्व के कुछ संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा