मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य सरकार उत्तराखंड में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और इसके नेटवर्क को नष्ट करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।सीएम ने मंगलवार को गांधी पार्क में नशा मुक्त देवभूमि मिशन-2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य लिया है और सभी को इस अभियान में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है बल्कि उसके परिवार और सामाजिक ढांचे को भी नुकसान पहुंचाता है। सीएम ने कहा कि एक तरफ नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ नशीली दवाओं की तस्करी में लगे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत कुल 600 मामले दर्ज किए गए हैं और 750 दोषियों को गिरफ्तार किया गया है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
सीएम ने कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने और उनके पुनर्वास के लिए नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में नशेड़ियों के लिए चार एकीकृत पुनर्वास केंद्र संचालित हैं।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने नशा मुक्ति अभियान चलाया है और इस संबंध में आम जनता को जानकारी और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। धामी ने विश्वास जताया कि जन सहयोग और सामाजिक संगठनों के प्रयासों से राज्य तय समय से पहले नशा मुक्त देवभूमि का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
उन्होंने इस संबंध में आदर्श औद्योगिक स्वायत्त सहकारी समितियों (एआईएसी) के प्रयासों की सराहना की। सीएम ने कार्यक्रम में आए लोगों को उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम में एआईएसी की अध्यक्ष आशा कोठारी, आरएसएस के प्रांत प्रचारक प्रमुख संजय, स्कूल शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी और अन्य शामिल हुए।