दरभंगा में डीएमसीएच के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन समारोह के दौरान, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर कर दिया। उन्होंने पटना से दरभंगा तक मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाए और डीएमसीएच के डॉक्टरों पर भी तीखी टिप्पणी की।
दरभंगा में डीएमसीएच के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत सामने रख दी। उनके वक्तव्य ने उद्घाटन समारोह में हलचल पैदा कर दी। मंत्री सहनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पटना से दरभंगा के मरीजों के लिए जो सुविधाएं भेजी जाती हैं, वे यहां तक पहुँचने में असफल रहती हैं।
इस बयान के बाद से लोगों में यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर मदन सहनी अपनी ही सरकार की आलोचना क्यों कर रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने डीएमसीएच के डॉक्टरों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यहाँ से रेफर किए गए मरीजों को पीएमसीएच क्यों नहीं भेजा जाता, जबकि उन्हें अक्सर आईजीएमएस भेजा जाता है।
“मंत्री होने के नाते हमें नहीं बोलना चाहिए” – मदन सहनी
मदन सहनी ने अपने बयान में कहा कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से आग्रह है कि वे इस बात पर विचार करें कि मरीजों का इलाज सही ढंग से हो। उन्होंने यह भी कहा कि पटना से कई तरह की सुविधाएं भेजी जाती हैं, लेकिन दरभंगा में ये सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल पाती हैं।
उन्होंने माना कि बिहार सरकार के मंत्री होने के नाते उन्हें यह बातें सार्वजनिक रूप से नहीं कहनी चाहिए थीं, लेकिन चूंकि वे दरभंगा के प्रतिनिधि हैं, इसलिए उन्हें यहाँ की जनता की भलाई के लिए यह कहना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि अगर वे दरभंगा के लोगों की मदद में असफल रहे, तो उन्हें भविष्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
डीएमसीएच में चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी
मदन सहनी ने डीएमसीएच के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में जल्द से जल्द इंडोर इलाज की सुविधा शुरू करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि डीएमसीएच और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का प्रबंधन अलग-अलग हाथों में होना चाहिए ताकि मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच में चिकित्सक और कर्मियों की भारी कमी है, जबकि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए अलग से चिकित्सक और तकनीशियन की भी आवश्यकता है। जब तक चिकित्सक और कर्मी पर्याप्त संख्या में नियुक्त नहीं किए जाते, तब तक अस्पताल की सुविधाओं का पूरा लाभ मरीजों को नहीं मिल सकेगा।
मदन सहनी के इस बयान के बाद राजनीति में हलचल मच गई है, और लोग इसके कई सियासी मायने निकाल रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और जदयू इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।