बिहार के छात्रों के साथ पश्चिम बंगाल में हुई अमानवीय घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने इस दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए राजनीतिक नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
जमीन सर्वे पर सरकार की स्पष्टता: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का बयान
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि “बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024” को टाला नहीं गया है, बल्कि इसे सुचारू रूप से जारी रखने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि जमीन के सर्वेक्षण के लिए किसी प्रकार की हड़बड़ी नहीं होनी चाहिए, इसलिए जनता को कागजात सही करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता बनी रहे।
बंगाल में छात्रों के साथ दुर्व्यवहार: जायसवाल की कड़ी प्रतिक्रिया
डॉ. जायसवाल ने बंगाल में बिहार के छात्रों के साथ हुई बदसलूकी को लेकर नाराज़गी जताई। उनका कहना था कि यह घटना पश्चिम बंगाल सरकार की विफलता का परिणाम है। उन्होंने बताया कि परीक्षा के केंद्र बिहार, बंगाल और अन्य राज्यों में बनाए जाते हैं, लेकिन सिल्लीगुड़ी में जो कुछ भी हुआ, वह अस्वीकार्य है। बिहार के छात्रों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार न केवल अनुचित है, बल्कि यह प्रशासनिक कुप्रबंधन को भी दर्शाता है।
लालू, तेजस्वी और राहुल पर तीखा हमला
इस मुद्दे पर बोलते हुए डॉ. जायसवाल ने विपक्ष के प्रमुख नेताओं जैसे लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आई.एन.डी.आई.ए गठबंधन के हिस्सेदार ममता बनर्जी की सरकार पश्चिम बंगाल में है, तो ये नेता इस घटना पर क्यों चुप हैं। उनके अनुसार, यह विपक्ष की दोहरी नीति को उजागर करता है।
बिहार के छात्रों के साथ न्याय की मांग
डॉ. जायसवाल ने बंगाल में छात्रों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार पर कार्रवाई की मांग की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कराने की बात कही।
जीतन राम मांझी पर तेजस्वी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर तेजस्वी यादव द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर जायसवाल ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मांझी तेजस्वी के पिता के समान हैं, और जाति पर इस प्रकार की टिप्पणी करना निंदनीय है। जायसवाल ने कहा कि अगर मांझी इस मामले में शिकायत कर देते, तो तेजस्वी को बेल भी नहीं मिलती। यह मांझी की उदारता है कि उन्होंने इस मुद्दे को और नहीं बढ़ाया।
उपस्थित नेता
इस मौके पर पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. आलोक रंजन, भाजपा जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
मेरी राय
इस मुद्दे पर मेरा मानना है कि बिहार के छात्रों के साथ हुई घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि शिक्षा का अधिकार और छात्रों की सुरक्षा हमारे समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए। जब हम शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि छात्रों को एक सुरक्षित और समर्थित वातावरण मिले।
राजनीतिक नेताओं का इस घटना पर चुप रहना, विशेषकर जब वे विभिन्न राजनीतिक गठबंधनों का हिस्सा हैं, उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है। हमें चाहिए कि हम इस प्रकार की घटनाओं पर ध्यान दें और सही कार्रवाई की मांग करें, ताकि भविष्य में ऐसे दुर्व्यवहार न हों।
बिहार सरकार की भूमि सर्वेक्षण योजना का सही कार्यान्वयन भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भूमि संबंधी विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नागरिकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें एक बेहतर भविष्य के लिए सशक्त बनाया जाए।