नीतीश कुमार के सामने खुलेआम आरोप लगाते हुए, जदयू के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा ने दिया इस्तीफा। उन्होंने किया खुलासा कि क्यों उन्हें लगा कि पार्टी में रहना अब उचित नहीं है। इससे बढ़ेगा बिहार की राजनीतिक ताकतों का टकराव।
लोकसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही, राजनीतिक गतिविधियों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इसी दौरान, गया के पूर्व टिकारी विधायक और जदयू जिलाध्यक्ष अभय कुशवाहा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं देने का आरोप भी लगाया है।
कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलता है। उन्होंने दस बार से अधिक अर्जी लगाई ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल सकें, लेकिन मिलान नहीं हुआ। इसके चलते, पार्टी में रहने का विकल्प उन्हें उचित नहीं लगा। उन्होंने यह भी बताया कि जहां से वे राजनीतिक सफर शुरू किया था, वहीं वापस जा रहे हैं, और शीघ्र ही राजद में शामिल होंगे।
अभय कुशवाहा का राजनीतिक सफर अविरल है। उन्होंने 2010 में राजद के युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर जदयू में शामिल होते हुए राजनीतिक दायरे में कदम रखा। 2015 में महागठबंधन की सीट से चुनाव लड़ते हुए उन्हें जीत मिली। उन्होंने 2020 में फिर से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार वे राजद प्रत्याशी से हार गए।
उनका राजनीतिक सफर 2000 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर शुरू हुआ था। उन्होंने उसके बाद कुजापी पंचायत से मुखिया के पद पर निर्वाचित होकर राजनीतिक माध्यमों में अपनी पहचान बनाई। तब से लेकर आज तक, उनका संघर्षपूर्ण सफर जारी है।