उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम: साहित्य भूषण पुरस्कार के साथ हिंदी के उत्थान की दिशा में नई पहल

उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित हिंदी दिवस समारोह में राज्य सरकार ने साहित्य और हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए बड़ी घोषणा की। भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने साहित्यकारों के लिए साहित्य भूषण पुरस्कार की घोषणा की, जिसमें पांच लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।

उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। समारोह में भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने घोषणा की कि उत्तराखंड सरकार साहित्यकारों को “साहित्य भूषण पुरस्कार” से सम्मानित करेगी। इस पुरस्कार के तहत साहित्यकारों को पांच लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी, जो साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानस्वरूप होगी।

कार्यक्रम का आयोजन आईआरडीटीए सभागार में किया गया, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। हिंदी दिवस के इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भाषा के उत्थान और संवर्धन के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। राज्य में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई को हिंदी माध्यम में उपलब्ध कराना एक बड़ा कदम है, जिससे छात्रों को अपनी मातृभाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक “उत्तराखंड की लोक कथाएं” का विमोचन भी किया। यह पुस्तक राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और लोक कथाओं को संजोने का प्रयास है, जो नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं और लोक कथाओं से जोड़ने का कार्य करेगी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने कविता लेखन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया और उनके प्रयासों की सराहना की।

इस समारोह में साहित्य, भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया गया। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी न केवल हमारी भाषा है, बल्कि यह हमारे संस्कारों, संस्कृति और पहचान का अभिन्न हिस्सा है। ऐसे आयोजन हिंदी भाषा और साहित्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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