यूपी में त्योहारों के दौरान सुरक्षा अलर्ट: अब नहीं होंगे भड़काऊ भाषण और अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई!

त्योहारों के मौसम में यूपी पुलिस सख्त! डीजीपी प्रशांत कुमार ने भड़काऊ भाषण देने वालों और अपराधियों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और महिला सुरक्षा को मिशन शक्ति के तहत प्राथमिकता मिलेगी। जानिए, इस बार प्रशासन ने किन विशेष कदमों को उठाने की तैयारी की है।

त्योहारों के दौरान सख्त सुरक्षा प्रबंध: डीजीपी प्रशांत कुमार

उत्तर प्रदेश में त्योहारों की धूमधाम के बीच, प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भड़काऊ भाषणों और सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है। इस बार त्योहारों के दौरान पुलिस प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का आदेश जारी किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

रविवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीजीपी ने उन संवेदनशील स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया, जहां पिछले वर्षों में गंभीर अपराध हुए हैं, जैसे लूट, चोरी, नकबजनी आदि। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर पीआरवी की तैनाती के साथ-साथ रूट चार्ट तैयार किए जाएं और यूपी 112 के वाहनों की फ्लैशर लाइट और हूटर का प्रयोग कर रात में गश्त बढ़ाई जाए।

धार्मिक आयोजनों में भीड़ पर विशेष नजर

आगामी त्योहारों के मद्देनज़र डीजीपी ने सभी धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों, और व्यावसायिक संगठनों से समन्वय बैठाने की बात कही है। रामलीला, दुर्गा पूजा, रावण दहन, और अन्य धार्मिक आयोजनों में भीड़ को नियंत्रित करने और विवादित स्थानों पर पहले से ही विवाद निपटाने की योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी महत्वपूर्ण आयोजनों के स्थलों का दौरा पुलिस कमिश्नर, डीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाएगा ताकि सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे।

मिशन शक्ति: महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता

मिशन शक्ति अभियान के पांचवें चरण को सफल बनाने के लिए डीजीपी ने थानों में महिला बीट प्रणाली को और मजबूत करने के निर्देश दिए। महिला सिपाहियों की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उनके कौशल का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी है कि वे समय पर कार्यालय पहुंचें और जनता की शिकायतों को प्राथमिकता पर सुनें। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से आने वाली शिकायतों का भी निराकरण सुनिश्चित किया जाए।

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