भारत-लाओस समझौतों की नई उचाई: डिजिटल समाधान से लेकर सांस्कृतिक धरोहर तक; जयशंकर की मौजूदगी में हुए हस्ताक्षर

विदेश मंत्री एस जयशंकर और लाओस के विदेश मंत्री सलेउमक्से कोमासिथ की बैठक ने नए द्विपक्षीय समझौतों की नींव रखी। त्वरित प्रभाव परियोजनाओं और डिजिटल समाधान के समझौतों के अलावा, मेकांग-गंगा सहयोग के तहत स्वास्थ्य, कृषि, और कौशल विकास जैसे नए क्षेत्रों में भी कदम बढ़ाए गए।

शनिवार को, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लाओस के विदेश मंत्री सलेउमक्से कोमासिथ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के दौरान, दोनों देशों के बीच त्वरित प्रभाव परियोजनाओं और डिजिटल समाधान जैसे कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

जयशंकर ने ट्वीट किया कि वे दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी वियेंटियान में हैं। उन्होंने एक्स पर साझा की गई पोस्ट में लिखा, “लाओस के विदेश मंत्री सलेउमक्से कोमासिथ के साथ हमारी बैठक बहुत ही सकारात्मक रही। गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए उनका धन्यवाद।”

विदेश मंत्री ने कहा कि मेकांग-गंगा सहयोग के तहत लाओस के लिए 10 त्वरित प्रभाव परियोजनाओं और डिजिटल समाधान पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मेकांग-गंगा सहयोग का उद्देश्य भारत, कंबोडिया, लाओस पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, म्यांमार, थाईलैंड, और वियतनाम के बीच पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, परिवहन, और संचार के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।

इसके अलावा, मेकांग-गंगा सहयोग को स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा, कृषि, लघु और मध्यम उद्यम, जल संसाधन प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और क्षमता निर्माण जैसे नए क्षेत्रों में भी विस्तार दिया गया है। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने रामायण और बौद्ध धर्म की साझा सांस्कृतिक धरोहरों का उत्सव मनाते हुए एक विशेष डाक टिकट भी लॉन्च किया।

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