BCCI: घरेलू क्रिकेट क्रिकेट के खेलबाज़ी में बड़ा बदलाव; टॉस खत्म करने का रखा प्रस्ताव!?

“भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घरेलू क्रिकेट में बड़ा कदम उठाया है। टॉस से लेकर मैच की तैयारियों तक, अब होगा सब कुछ नए नियमों के अनुसार। जानें इस नए बदलाव की विस्तृत जानकारी!”

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) घरेलू क्रिकेट में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। भारत के 2024-25 घरेलू सीजन में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनमें टॉस को खत्म करने का प्रस्ताव भी शामिल है। पता चला है कि 2024-25 सत्र के लिए घरेलू क्रिकेट कैलेंडर के पुनर्गठन का एक मसौदा प्रस्ताव बोर्ड की शीर्ष परिषद को भेजा गया है। यह प्रस्ताव बीसीसीआई सचिव जय शाह, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, मुख्य कोच राहुल द्रविड़, और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण के परामर्श के बाद बनाया गया है।

सीके नायुडू ट्रॉफी से हो सकता है बदलाव। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई सीके नायुडू ट्रॉफी से टॉस को खत्म करने पर विचार कर रहा है, जिसका आयोजन एक नई अंक प्रणाली के साथ किया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, सीके नायडू ट्रॉफी में सिक्के से टॉस की प्रणाली को खत्म किया जाएगा और मेहमान टीम के पास पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का विकल्प चुनने का मौका होगा। बोर्ड सत्र के अंत में सीके नायडू ट्रॉफी के लिए नियोजित नई अंक प्रणाली की प्रभावशीलता का भी आकलन करेगा और यह निर्णय लिया जाएगा कि क्या इसे रणजी ट्रॉफी के आगामी सत्र में लागू किया जा सकता है।

दो चरणों में आयोजित होगी रणजी ट्रॉफी। बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी के आयोजन को दो हिस्सों में बांटने पर विचार कर रहा है। इसके अनुसार, इसका आयोजन 2024-25 सीजन में सफेद गेंद वाले टूर्नामेंटों सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट से पहले और फिर इन टूर्नामेंट के बाद में होगा। इस प्रस्ताव के अनुसार, घरेलू सत्र दलीप ट्रॉफी के साथ शुरू होगा, जिसमें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा चुनी जाने वाली चार टीमें शामिल होंगी। ईरानी कप दलीप ट्रॉफी के बाद होगी जिसके बाद रणजी ट्रॉफी के पहले चरण को आयोजित किया जाएगा। रणजी ट्रॉफी के नए प्रस्तावित प्रारूप के अनुसार, लीग चरण के आयोजन के बाद सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी जैसे सीमित प्रारूप के टूर्नामेंट होंगे। शेष दो रणजी लीग मैच और नॉकआउट चरण के मुकाबले सीमित ओवरों के टूर्नामेंट के बाद आयोजित किए जाएंगे। इसका मकसद सर्दियों के महीनों में देश के उत्तरी हिस्से में खराब मौसम से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ मैचों के बीच अंतराल सुनिश्चित करना है।

खिलाड़ियों के आराम को ध्यान में रखा गया है। बीसीसीआई ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा है कि पिछले सत्र की रणजी ट्रॉफी के दौरान दो मैचों के बीच सिर्फ तीन दिन का अंतराल था। इसमें यात्रा भी शामिल थी, जिससे खिलाड़ियों को आराम करने और तरोताजा होने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, ‘खिलाड़ियों को तरोताजा होने के लिए पर्याप्त समय देने और पूरे सत्र में शीर्ष प्रदर्शन बनाए रखने के लिए मैचों के बीच अंतराल बढ़ाया जाएगा। सीके नायडू ट्रॉफी में संतुलन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई अंक प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें पहली पारी में बल्लेबाजी और गेंदबाजी प्रदर्शन के लिए अंक शामिल हैं। इसके अलावा, पहली पारी में बढ़त या जीत के लिए अंक भी शामिल हैं। महिला क्रिकेट में वनडे, टी20 और बहुदिवसीय प्रारूप प्रतियोगिताओं सहित सभी अंतर-क्षेत्रीय टूर्नामेंटों में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा टीमों का चयन किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *