पाकिस्तान में राजनीति की घमासान: 21 अप्रैल को मतदान; कुल 23 सीटें खाली हैं

पाकिस्तान में होने वाले उपचुनावों की तैयारियों में तेजी आ रही है। खाली सीटों के मतदान के साथ ही, राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष भी उभर रहा है। यहां जानिए किसी भी राजनीतिक रैली को फिर से जीतने के लिए उनकी स्ट्रैटेजी।

पाकिस्तान की संसद में खाली सीटों के लिए मतदान 21 अप्रैल को कराए जाएंगे। संसद की खाली सीटों के साथ ही प्रांतीय विधानसभाओं की भी खाली सीटों के लिए मतदान कराए जाने हैं। देश की संसद में कुल छह सांसदों के पद खाली हैं, जबकि प्रांतीय विधानसभाओं में 17 सीटें खाली हैं। सीटें इसलिए खाली हैं क्योंकि आठ फरवरी को मतदान के बाद कई उम्मीदवारों ने एक सीट खाली कर दी। इन उम्मीदवारों ने दो सीटों से चुनाव लड़ा और एक निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद दूसरी सीट छोड़ दी। देश के कानून के मुताबिक एक प्रत्याशी अपनी इच्छा के मुताबिक एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकता है, लेकिन अंतिम परिणाम की घोषणा के बाद उसकी सदस्यता केवल एक सीट से ही बरकरार रह सकती है।

पाकिस्तान की किन सीटों पर कराए जाएंगे उपचुनाव

उपचुनाव के बारे में पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने बुधवार को बयान जारी किया। उपचुनाव के साथ ही 2024 के आम चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। नेशनल असेंबली की छह खाली सीटों के अलावा प्रांतीय विधानसभाओं में सबसे अधिक सीट पंजाब असेंबली की है। यहां 12 सीटें खाली हैं। खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान विधानसभाओं में दो-दो सीटें खाली हैं। सिंध असेंबली में एक सीट पर चुनाव कराए जाने हैं। नेशनल असेंबली यानी संसद की एक और प्रांतीय असेंबली की तीन सीटों पर उम्मीदवारों के निधन के कारण चुनाव स्थगित हुए। इन पर भी चुनाव 21 अप्रैल को ही कराए जाएंगे।

पाकिस्तान में उपचुनाव का पूरा शेड्यूल यहां देखिए

आयोग के मुताबिक नामांकन पत्र 16-18 मार्च तक जमा किए जा सकते हैं। 21 मार्च को उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच होगी। किसी उम्मीदवार के नामांकन के खिलाफ अपील 25 मार्च तक आयोग के पास जमा की जा सकती है। अपील का निपटारा 28 मार्च तक किया जाएगा। 29 मार्च नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। 29 मार्च को उम्मीदवारों की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद 30 मार्च को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। इसके बाद 21 अप्रैल को मतदान कराए जाएंगे।

छह सीनेट सीटों के लिए मतदान; पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी हुई मजबूत

देर शाम आई समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सीनेट के लिए कराए गए उपचुनाव में छह में से चार सीटों पर जीत हासिल कर ली। पीपीपी की कमान बिलावल भुट्टो-जरदारी के हाथ में है। गुरुवार को सीनेट की खाली सीटों को भरने के लिए हुए चुनाव में छह में से चार सीटें जीतने वाली पीपीपी संख्याबल के मामले में और मजबूत हो गई। संसद के ऊपरी सदन- सीनेट के लिए कराए गए चुनाव में नेशनल असेंबली, सिंध और बलूचिस्तान प्रांतीय विधानसभाओं की छह सीनेट सीटों के लिए मतदान सुबह 9 बजे शुरू हुआ।

बलूचिस्तान और सिंध के सांसदों ने चुने सीनेटर

बीते 8 फरवरी को कराए गए आम चुनावों में सीनेटरों को राष्ट्रीय या प्रांतीय विधानसभाओं का सदस्य चुन लिया गया था। इस कारण सीनेट की सीटें खाली हो गई थीं। बता दें कि देश के संविधान का अनुच्छेद 223 दोहरी सदस्यता पर रोक लगाता है। सीनेटर को चुनने के लिए नेशनल असेंबली के सांसदों ने मतदान किया। बलूचिस्तान के सदस्यों ने तीन और सिंध के सांसदों दो सीनेटरों को चुना।

गिलानी के सीनेट अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावनाएं

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी सत्तारूढ़ गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे। गठबंधन में आठ पक्ष शामिल हैं। गिलानी ने नेशनल असेंबली में जीत हासिल की। उन्हें 301 वोटों में से 204 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के इलियास मेहरबान को केवल 88 वोटों से संतोष करना पड़ा। मतगणना के दौरान अलग-अलग कारणों से नौ वोट खारिज कर दिए गए। अब गिलानी के सत्तारूढ़ गठबंधन के सीनेट अध्यक्ष बनने की उम्मीद है।

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