सप्ताह में सिर्फ चार दिन काम करने की चर्चा दुनिया भर में गर्माई जा रही है, और जर्मनी ने इसे अपनाते हुए एक नई क्रांति की शुरुआत की है। यह लेख जर्मन कंपनियों के चार-दिने कामकाज के प्रस्ताव को दर्शाता है और उसके साथ हो रहे आरंभिक परीक्षणों की चर्चा करता है। यह विकल्प से भरा हुआ है और आगे के दिनों में और भी कंपनियों को इसी दिशा में बढ़ने की प्रेरणा प्रदान कर सकता है।
सप्ताह में सिर्फ चार दिन काम करने की दिशा में एक नया ट्रेंड धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिसे कई देशों ने अपनाया है। इसमें जर्मनी का नाम भी शामिल है, जहां कई कंपनियों ने 4-दिने कामकाज को लागू किया है। जर्मनी के अलावा, इस आदत को कई और देशों ने अपनाया या इस पर प्रयोग किया है।
कर्मचारियों को बिना वेतन कटौती के अतिरिक्त अवकाश:
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में कई कंपनियां चार दिनों के कार्य सप्ताह की संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं, जिसमें कर्मचारियों को सप्ताह के सात दिनों में से केवल 4 दिन काम करने के लिए कहा जा रहा है। बचे 3 दिनों में कर्मचारियों को आराम मिल रहा है, और इसके लिए उनके वेतन में कोई कटौती नहीं हो रही है।
अन्य देशों का अनुसरण:
रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में यह एक्सपेरिमेंट जारी है, जिसमें करीब 45 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इसमें शामिल कंपनियां वेतन में किसी बदलाव के बिना कर्मचारियों की काम की घंटे कम कर रहीं हैं। पहले भी 2022 में ब्रिटेन में इसी प्रकार का एक्सपेरिमेंट किया गया था।
आर्थिक मोर्चे पर जर्मनी का संघर्ष:
जर्मनी वर्तमान में आर्थिक मोर्चे का सामना कर रहा है और उसे आर्थिक तरक्की की दिशा में लौटने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इसी समय में कंपनियों को भी कामकाज करने वाले लोगों की कमी का सामना करना हो रहा है, और इस समस्या का समाधान के लिए चार दिने कामकाज का प्रस्ताव एक संभावना है।
1 फरवरी से बदलाव का अमल:
कई लेबर यूनियन और राइट्स एसोसिएशन की ओर से कामगारों पर डाले जाने वाले दबाव को कम करने की मांग है। जर्मनी में भी लेबर यूनियनों ने इस तरह की मांग उठाई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस एक्सपेरिमेंट के अंतर्गत शामिल कंपनियां 1 फरवरी से बदलाव को अमल में ला रही हैं, जिससे यह पता चलेगा कि 4-दिने कामकाज का प्रस्ताव कितना सफल था।