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WHO Says COVID- 19: कोरोना महामारी के बुरे दौर से गुजर चुकी दुनिया के लिए कोविड-19 की चिंता से पीछा छुड़ाना मुश्किल रहेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ये अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बना हुआ है. कोरोना महामारी के चरम पर होने के 3 साल से लेकर आज यानी 30 जनवरी सोमवार को डब्ल्यूएचओ की तरफ आया ये सबसे हाई लेवल का अलर्ट है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बना हुआ है.
क्या कहा डब्ल्यूएचओ चीफ ने
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, “कोविड-19 अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बना हुआ है चिल न करें …सतर्क रहें.” डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा है कि कोरोना महामारी अभी भी अंतरराष्ट्रीय संकट और आपात स्थिति है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालांकि ये भी स्वीकार किया है कि वायरस शायद एक संक्रमण बिंदु पर है, लेकिन इस संक्रमण के सावधानीपूर्वक और संभावित नकारात्मक परिणामों कम करना जरूरी है.
डब्ल्यूएचओ (WHO) का ये बयान शुक्रवार 27 जनवरी को कोरोनोवायरस (COVID-19) महामारी के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य रेग्युलेशन (2005) आपातकालीन समिति की 14 वीं बैठक के बाद जारी हुआ है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक COVID-19 महामारी के संबंध में समिति की दी गई सलाह से सहमत हैं और अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल-पीएचईआईसी (Public Health Emergency Of International Concern -PHEIC) को जारी रखने पर राजी है.
डब्ल्यूएचओ ने बयान में कहा गया है कि समिति इस बात से सहमत है कि कोविड-19 स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचाने की क्षमता के साथ एक खतरनाक संक्रामक रोग बना हुआ है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि समिति ने चर्चा की कि क्या पीएचईआईसी को जारी रखने के लिए कोविड-19 पर वैश्विक ध्यान बनाए रखने की जरूरत है. इसके साथ ही पीएचईआईसी के खत्म करने पर पैदा होने वाले संभावित नकारात्मक खतरे और सुरक्षित तरीके से संक्रमण कैसे निपटा जाए इस पर भी बात की गई.
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