आरपीएफ जवान की फायरिंग से डरे यात्री, गोलियों की तड़तड़ाहट से लगा आतंकी हमला, 4 लोगों की मौत

पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि आरोपी जवान आरपीएफ की लोअर परेल पोस्ट से अटैच था, वहीं मृतक दादर पोस्ट से अटैच थे। दोनों ट्रेन की सुरक्षा के लिए सूरत में सवार हुए थे।

जयपुर: पालघर से मुंबई स्टेशन के बीच जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में हुई वारदात के दौरान जब आरपीएफ कांस्टेबल चेतन कुमार ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कीं तो लोगों को लगा कि आतंकी हमला हो गया था।

ट्रेन के मुंबई सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर एसी कोच के अटेंडेंट कृष्ण कुमार शुक्ला ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे फायरिंग की आवाज सुनी गई थी, और वे तत्कालीन जगह पर पहुंचे, जहां फर्श पर खून से लथपथ शव पड़े थे। वहीं, आरोपी कांस्टेबल चेतन एक राइफल लेकर टहल रहा था। एएसआई टीकाराम मीणा को गोली लगने से गिर गए थे। इस दौरान यात्री डरे हुए थे और कुछ लोग तो चलती ट्रेन से कूद गए थे। टीकाराम सुरक्षा दस्ते के प्रभारी थे।

पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि आरोपी जवान आरपीएफ की लोअर परेल पोस्ट से अटैच था, वहीं मृतक दादर पोस्ट से अटैच थे। दोनों ट्रेन की सुरक्षा के लिए सूरत में सवार होकर यात्रा कर रहे थे। फिलहाल अन्य मृतक यात्रियों की पहचान की जा रही है।

वीडियो में मोदी-योगी का नाम लेते दिखा

कांस्टेबल चेतन चलती ट्रेन में चार लोगों को गोली मारने के बाद सिरफिरे की तरह मोदी-योगी और ठाकरे का नाम ले रहा था। उसने कहा कि जिन चार लोगों को मारा गया था वे सभी पाकिस्तान से ऑपरेट होते हैं। भारत में रहना है तो केवल मोदी और योगी कहना होगा। हालांकि, चेतन ने किस ठाकरे का नाम लिया था, वायरल वीडियो में यह स्पष्ट नहीं है। वीडियो की सत्यता की भी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।

बार-बार तबादलों से परेशान था चेतन, हथियार नहीं देना चाहिए

घटना के बाद एहतियात के तौर पर हाथरस के चंदपा थाने की टीम चेतन के गांव मीतई पहुंची। वहां, चेतन के ताऊ भगवान सिंह ने कहा, चेतन उल्टी-सीधी ड्यूटी और बार-बार तबादलों से परेशान था। उसके साथी, अधिकारी सभी को पता था कि वह मानसिक रूप से परेशान था, इसलिए विभाग ने उसे हथियार नहीं देना चाहिए था। इसके साथ ही भगवान सिंह ने कहा, हम तो वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाले लोग हैं। किसी भी परिवार के सदस्य की जिंदगी जाने से उस परिवार को क्या गुजरती है, हम जानते हैं। इस घटना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। हमारे परिवार में देश की सेवा परंपरा रही है, और मेरे छोटे भाई ने कुछ दिन पहले ही सेना से सेवानिवृत्त होकर आया है।

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