चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए नोटिस के जवाब में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 पन्नों का जवाब दिया है। अपने जवाब में केजरीवाल ने इसे जनहित में की गई टिप्पणी बताया है। AAP के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि ये टिप्पणी दिल्ली में पीने के पानी की बिगड़ती गुणवत्ता से संबंधित तत्काल और चिंताजनक पब्लिक हेल्थ क्राइसिस के संबंध में की गई थी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली हरियाणा से रॉ पानी की आपूर्ति पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि खराब पानी की गुणवत्ता के बारे में दिए गए बयान हरियाणा से प्राप्त रॉ वाटर में गंदगी को उजागर करने के लिए दिए गए थे।
गंदा पानी सेहत के लिए गंभीर खतरा- केजरीवाल
हरियाणा से मिलने वाला रॉ वाटर अत्यधिक दूषित और जहरीला है। इस पानी में इतनी गंदगी होती है कि दिल्ली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इसे सुरक्षित सीमा के अंदर लाने में असमर्थ है। अगर इस तरह के जहरीले पानी को लोगों को पीने की मंजूरी दे दी जाए तो इससे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा और मौत भी हो सकती है। केजरीवाल ने दलील दी कि उनकी टिप्पणियों को अलग-अलग ग्रुपों के बीच दुश्मनी भड़काने या राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक नहीं कहा जा सकता। साथ ही उन्होंने कहा कि यमुना के जल पर उनका बयान जनवरी को दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ द्वारा जारी पत्र पर आधारित था। चुनाव आयोग को केजरीवाल ने ये भी कहा कि पीने के पानी में अमोनिया के अत्यधिक स्तर के कारण स्वास्थ्य जोखिमों की तरफ इशारा करता है। उनकी टिप्पणी से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है। केजरीवाल ने बताया कि उनके द्वारा दिया गया बयान भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी के तहत पूरी तरह से संरक्षित हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
27 जनवरी को चुनावी रैली में अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा द्वारा दिल्ली को उपलब्ध कराए गए पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया था। केजरीवाल ने कहा कि लोगों को पानी से वंचित करना इससे बड़ा पाप कुछ नहीं भी नहीं है। बीजेपी अपनी गंदी राजनीति से दिल्ली की जनता को प्यासा छोड़ना चाह रही है। वे हरियाणा से भेजे जा रहे पानी में जहर मिला रहे हैं।