हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज की मुश्किलें बढ़ गई है। बीजेपी ने अनिल विज को कारण बताओं नोटिस भेजा है। पिछले कई दिनों से अनिल विज प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे थे जिसकी वजह पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजा है। इस नोटिस में लिखा है कि आपने सार्वजनिक तौर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी की है। ये गंभीर आरोप है और पार्टी की नीति और आतंरिक अनुशासन के खिलाफ हैं। बडौली ने कहा कि विज को नोटिस बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार जारी किया गया है। यह बयानबाजी उस वक्त की गई है जब पड़ोसी राज्य में पार्टी चुनाव अभियान चला रही थी जिससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है। पार्टी इस तरह की बयानबाजी की अस्वीकार्य बताया है और तीन के अंदर अनिल विज से जवाब मांगा है।
क्यों नोटिस दिया है?
अनिल विज ने पिछले सोमवार को एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा की जिसमें दावा किया गया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक दोस्त के साथ देखे गए कार्यकर्ताओं को एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ भी देखा गया जिसे उन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनावों में हराया था। कुछ दिन पहले ऊर्जा और परिवहन मंत्री विज ने दावा किया था कि पिछले अक्तूबर में उन्हें अंबाला कैंट सीट से चुनाव हराने के लिए साजिश रची गई थी। विज ने अंबाला कैंट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को हराकर जीत हासिल की थी और सातवीं बार विधायक बने थे। अनिल विज ने 31 जनवरी को दावा किया कि सार्वजनिक रूप से मामला उठाने के बावजूद उनके विरोधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं और मैं कह रहा हूं कि मुझे हराने की कोशिश की गई इसलिए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए थी। लेकिन 100 दिन बाद भी कुछ नहीं किया गया। विज ने दावा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे मुख्यमंत्री उड़न खटोला से नहीं उतरते हैं जिस दिन से उन्होंने पदभार संभाला है वो उड़न खटोला पर सवार है अगर वो नीचे उतरेंगे तो मेरी आवाज नहीं बल्कि विधायकों और मंत्रियं की आवाज सुनेंगे।