Greece Wild Fires: ग्रीस इन दिनों जंगल की आग से जूझ रहा है। आग इतनी भीषण है कि उसमें कई वर्ग किलोमीटर का जंगल जलकर राख हो चुका है। इस बीच, 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इससे पहले अमेरिका, कनाडा और चिली जैसे देशों में भी जंगल की आग भारी तबाही मचा चुकी है।
ग्रीस: दुनियाभर में जंगल की आग की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ताजा संकट यूरोपीय देश ग्रीस में देखने को मिल रहा है, जहां इसने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यहां के रोड्स और कोर्फू द्वीप में आग ने इतना भयानक रूप ले लिया है कि तमाम रिहायशी इलाके भी चपेट में आ गए हैं। हजारों लोग इन द्वीपों को छोड़कर चले गए हैं। इस साल ग्रीस से पहले कनाडा और अमेरिका के जंगलों में भी भयानक देखी गई है।
ग्रीस में अभी क्या हुआ?
यूरोप इन दिनों भीषण गर्मी और गर्म हवाओं से जूझ रहा है। ऐसे में ग्रीस के जंगलों में आग लगने की खबर है। आग इतनी भयानक है कि उसमें कई वर्ग किलोमीटर का जंगल जलकर राख हो चुका है। अधिकारियों ने कहा कि देश के लगभग हर क्षेत्र में आग लगने का खतरा अधिक है। फिलहाल इन घटनाओं से सबसे प्रभावित जगहों में रोड्स और कोर्फू द्वीप शामिल हैं। रोड्स द्वीप पर सोमवार को जंगल की आग भड़कने के कारण टूर ऑपरेटरों ने छुट्टियों के लिए घर जाना शुरू कर दिया। यहां बीते हफ्ते से आग लगी है जिसके कारण सप्ताहांत में 19,000 लोगों को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। द्वीप के दक्षिण-पूर्व में तटीय रिसॉर्ट्स तक आग पहुंच गई थी। कुछ छुट्टियां मनाने आए लोगों ने कहा कि वे सुरक्षा तक पहुंचने के लिए चिलचिलाती गर्मी में मीलों तक पैदल चले। आग के कारण पेड़ काले हो गए हैं और जली हुई कारों के पास मृत जानवर सड़क पर पड़े हैं। वहीं स्थानीय डिप्टी मेयर कॉन्स्टेंतिनो तारसलियास ने कहा है कि आग लगे हुए सात दिन हो गए हैं और इस पर काबू नहीं पाया जा सका है।
विदेशी पर्यटकों का एक और पसंदीदा द्वीप कोर्फू भी अपने जंगल की आग से जूझ रहा है। द्वीप से आईं तस्वीरों में एक पर्वतीय क्षेत्र में पूरा आसमान धुंध में लिपटा हुआ दिखाई दे रहा है। आग के कारण कोर्फू द्वीप से भी लोगों को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यहां समुद्र के रास्ते लोगों को निकालने का काम चल रहा है, जहां रविवार को लगभग 59 लोगों को समुद्र तट से बाहर निकाला गया।
ग्रीक के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, आग से जुड़ी घटनाओं के लिहाज से यह ग्रीस में अब तक की सबसे बड़ी निकासी है। जंगल की आग से खतरे में पड़े 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। 16,000 लोगों को जमीन के रास्ते बाहर सुरक्षित निकाला गया। वहीं, 3,000 लोगों को समुद्र के रास्ते से निकालना पड़ा। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि आग पर काबू पाने में फिलहाल कई दिन लग सकते हैं। हालांकि, 260 से अधिक दमकल कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिए लगे हुए हैं।
आग का प्रभाव क्या हो रहा है?
रोड्स और कोर्फू मुख्य रूप से ब्रिटेन और जर्मनी के पर्यटकों के लिए ग्रीस के सबसे बड़े स्थलों में से हैं। इस समय यहां पर्यटक छुट्टियां मनाने आते हैं। हालांकि, आग से बचने के लिए पर्यटक इधर-उधर भाग रहे हैं। कई पर्यटकों ने उड़ानों के इंतजार में यहां के हवाईअड्डों के फर्श पर रात बिताई।
ऑस्ट्रियाई पर्यटक मारियो विसे ने कहा कि उन्होंने रोड्स हवाई अड्डे पर दो दिन बिताए थे और उन्हें सोमवार शाम को जर्मनी के लिए अपनी वापसी की उड़ान का प्रबंध करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘हम दो दिनों से यहां पड़े हैं। न कंबल है, न कुछ। यहां बच्चे पड़े हैं जिन्हें दूध की जरूरत है। मुझे खुद ही सब कुछ व्यवस्थित करना पड़ा, क्योंकि यहां कोई भी हमारी देखभाल नहीं करता।’
यहां जंगल की आग क्यों लगी?
दरअसल, गर्मी के महीनों के दौरान ग्रीस अक्सर जंगल की आग की चपेट में आ जाता है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे दक्षिणी यूरोप में गर्मी का प्रकोप और अधिक बढ़ गया है। नागरिक सुरक्षा ने कहा कि ग्रीस का हर क्षेत्र सोमवार को जंगल की आग के खतरे का सामना कर रहा था। पिछले सप्ताह में देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया और आने वाले दिनों में भी तापमान जारी रहने की आशंका है।
इस साल कहां हुई हैं इस तरह की घटनाएं?
इस साल दुनियाभर के कई महाद्वीपों के जंगल की आग ने जनजीवन को तबाह किया है। स्कॉटलैंड के हाइलैंड काउंसिल क्षेत्र के एक गांव कैनिच में जंगल की आग लगी थी। इसमें दो अग्निशामक घायल हो गए।
उत्तरी अमेरिका में आने वाले कनाडा में इस तरह की कई घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। इस साल यहां अलबर्टा, नोवा स्कोटिया और मध्य कनाडा जैसे जंगलों की आग की चपेट में आए। इंटरएजेंसी फायर सेंटर ने 2023 की शुरुआत से 4,241 जंगल की आग दर्ज की है। इस साल पूरे कनाडा में आग ने कम से कम 2.71 एकड़ से अधिक भूमि को जला दिया है। जून में इस वर्ष जला रकबा 1989 में नष्ट सबसे ज्यादा भूमि के रिकार्ड से भी ज्यादा है।
अमेरिका में इस वर्ष एरिजोना, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, इडाहो, न्यू मैक्सिको, ओरेगॉन, डेविल्स बट, वाशिंगटन जैसे जंगलों में आग की घटनाएं हुईं। देश में अकेले जून में 5,697 आग की घटनाओं ने 163,766 एकड़ जंगल जला दिया। वहीं जनवरी से जून में, 23,712 आग की घटनाओं के कारण 673,824 एकड़ वन नष्ट हो गए।
दक्षिण अमेरिका के देश चिली में जंगल की आग देखी गई। इसी साल 30 जनवरी को यहां जंगल की आग की एक श्रृंखला शुरू हुई जिसे आगे चलकर 406 अलग-अलग आग की घटनाएं बनीं। इसने 430,000 हेक्टेयर (11 लाख एकड़) से अधिक भूमि को जला दिया। वहीं इसके चलते 24 लोगों की जान भी चली गई। देश में स्थिति यहां तक आ गई थी कि सरकार को कई क्षेत्रों में आपातकाल घोषित करना पड़ा था।
एशिया क्षेत्र की बात करें तो इस साल यहां कजाकिस्तान में जंगल की आग देखी गई। पिछले महीने जून में कजाकिस्तान के उत्तरपूर्वी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जंगल की आग लगी थी। इसमें कई घर और गाड़ियां भी जल गई।
संक्षेप में, इस साल दुनिया भर में जंगल की आगों ने कई जीवनों को बर्बाद कर दिया है और बड़े पैमाने पर वनस्पति नष्ट कर दी है। जलवायु परिवर्तन के चलते ये आग से जुड़ी घटनाएं बढ़ रही हैं और सरकारों को इससे निपटने के लिए संगठित रूप से कदम उठाने की जरूरत है।
क्यों हो रहा है जंगलों में आग का बढ़ता खतरा?
जंगलों में आग के बढ़ते खतरे के पीछे कई कारण हैं, जो मुख्य रूप से मानव विकास, जलवायु परिवर्तन और बदलते वातावरण के साथ जुड़े हैं।
- वनों के विकास: कुदरती जंगलों की जगह आधुनिक शहरीकरण, विकास और वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों में बदलने से जंगलों को जलाने का खतरा बढ़ जाता है। मानवों के उपयोग के लिए जंगल को खाली करने और लैंड क्लियरेंस करने से जंगल में जलने के लिए उपयुक्त उपजाऊ तत्वों की उपस्थिति में बदलाव होता है।
- जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन जंगलों में तापमान और आर्द्रता में बदलाव लाने के साथ जंगली आगों के आधारभूत तत्वों को प्रभावित करता है। तेज़ गर्मी और सूखे मौसम के कारण जंगलों की वनस्पतियों की सूखी शाखाओं और पेड़ों को आग लगने के लिए स्वच्छ करने में मदद मिलती है।
- विस्तारित विकास: विकास के लिए वन क्षेत्रों के विस्तार के लिए रास्ते और सेतुएं निर्माण किए जाने के कारण, जंगली आगों को फैलने और फैलने का अधिक अवसर मिलता है। रास्ते के आसपास के भू-भाग में भयानक गर्मी के कारण जंगलों में आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
- मानव चलाव: मानवों के चलाव, अन्धकार और आग फैलाने की जिम्मेदारी और लापरवाही से भी जंगलों में आग लग सकती है। जल्दीबाजी में नहीं किए गए प्रयासों से, धुआं छोड़ने से और अनियमित धार्मिक अभिषेक के कारण आग की घटनाएं हो सकती हैं।
इन सभी कारणों से बचने के लिए हमें जंगलों के प्राकृतिक संतुलन को संरक्षित रखने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, और सावधानी से मानव गतिविधियों को प्रबंधित करने की जरूरत है। इससे जंगली आगों के प्रकोप को कम किया जा सकता है और वनस्पति और जनजीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है।