महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत जम्मू-कश्मीर में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। जम्मू और कश्मीर संभाग के कई जिलों में बरसाती नाले उफान पर आ गए हैं। सड़कों, पुलों और बिजली ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे सैकड़ों गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कट गया है।
देश के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को भी बारिश का कहर जारी रहा। महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत जम्मू-कश्मीर में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त था। जम्मू और कश्मीर संभाग के कई जिलों में बरसाती नाले उफान पर आ गए थे। सड़कों, पुलों और बिजली ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा था। इससे सैकड़ों गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कट गया था। उधर, हिमाचल प्रदेश में कई जगह भूस्खलन होने से दर्जनों सड़कें बंद हो गईं और सैकड़ों लोग फंस गए थे।
जम्मू संभाग के जिला कठुआ के बिलावर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। यहां के भीनी नाले में अचानक आए पानी से पुल की अप्रोच रोड बह गई थी। लोक संपर्क विभाग ने एहतियातन इस पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया था। रोड बहने के चलते बिलावर का कई गांवों से संपर्क कट गया था। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के माध्यम से पठानकोट से जोड़ने वाले सन्याल पुल में दरार आ गई थी। इस पुल को दुर्घटना की आशंका के चलते अवागमन के लिए बंद कर दिया गया था। पुल पर से गाड़ियां न गुजर पाने से क्षेत्र का पंजाब से संपर्क कट गया था।
कश्मीर संभाग में रात में भारी बारिश हुई थी, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया था। नदी-नाले भी खतरे के निशान पर बह रहे थे। कुपवाड़ा में बादल फटने से लोलाब इलाके में खुमरियाल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे इलाके का कुछ क्षेत्रों से संपर्क कट गया था। कटड़ा में बृहस्पतिवार को धुंध के कारण वैष्णोदेवी के लिए चॉपर सेवा नहीं चल सकी थी।
हरियाणा: घटने लगा नदियों का जलस्तर
पहाड़ों पर बारिश थमने से नदियों का जलस्तर थमने लगा था। जीटी बेल्ट के जिलों में यमुना, टांगरी और मारकंडा नदियां शांत हो गई थीं। फतेहाबाद और सिरसा जिले में घग्गर नदी का जलस्तर तेजी के साथ कम हो रहा था। इसके बावजूद अभी भी कई इलाकों में स्थितियां सामान्य नहीं होने के कारण लोगों को मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ रहा था। वहीं, सिरसा जिले में घग्गर नदी का जलस्तर 58 हजार से गिरकर अब 26 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था।
महाराष्ट्र: रायगढ़ हादसे के बाद शिविरों में भेजे गए 7,000 लोग
इरशालवाड़ी त्रासदी के बाद रायगढ़ में भूस्खलन की आशंका के चलते 103 गांवों के करीब 7,000 लोगों को 51 शिविरों में स्थानांतरित किया गया था। 19 जुलाई को इरशालवाड़ी त्रासदी में 27 लोग मारे गए थे और 57 अभी भी लापता हैं। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा, मौसम विज्ञान ने अगले तीन दिनों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया था।
आज भी भारी बारिश का अलर्ट, कई इलाके सड़कों से कटे
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर थे। ब्यास, सतलुत और रावी नदियां भी रौद्र रूप दिखा रही थीं। मौसम विभाग ने राज्य के नौ जिलों में शुक्रवार को भी भारी बारिश की संभावना देखते हुए ऑरेंज जारी किया था। इस बीच, भूस्खलन के कारण किन्नौर और स्पीति घाटी का शिमला से संपर्क कट गया था। उधर, उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड में भारी भूस्खलन के बाद बाधित हुआ यमुनोत्री हाईवे अब खुल गया था। उत्तराखंड के अधिकांश बाकी हिस्सों में भी बृहस्पतिवार को मौसम साफ रहा था। मंडी-पठानकोट एनएच गुम्मा के पास बुधवार रात तीन घंटे तक रहा बंद, जिससे वहां तमाम वाहन सुबह तक फंसे रहे थे। मंडी-कुल्लू एनएच अभी बहाल नहीं हो पाया था। प्रदेश में करीब 569 सड़कें और 311 से अधिक पेयजल योजनाएं ठप पड़ी थीं। मानसूनी बारिश की वजह से राज्य में 24 जून से 26 जुलाई तक 5,361.16 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका था। 168 लोगों की जान गई थी। बाढ़ से 653 मकान ढह गए, जबकि 6,711 मकान क्षतिग्रस्त हुए थे।
पंजाब: सतलुज में बहता हुआ पाकिस्तान पहुंचा भारतीय नागरिक
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से गुजरने वाली सतलुज नदी में बाढ़ की चपेट में आकर एक भारतीय बहकर पाकिस्तान पहुंच गया था। वह हुसैनवाली बॉर्डर के पास पाकिस्तान के कसूर जिले के गंडा सिंह वाला क्षेत्र में पहुंच गया था। वह मूकबधिर था और सीमा पार पाकिस्तानी रेंजर्स को बेहोशी की हालत में मिला था।