प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के चलते मौसम विज्ञान केंद्र ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को स्कूल बंद रहेंगे और बारिश और भूस्खलन के कारण 168 मार्ग बंद हो गए हैं। चमोली, चंपावत और नैनीताल जैसे जिलों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां पुल और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है।
प्रदेश के पर्वतीय जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को प्रदेश के पर्वतीय जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में तेज हवाओं के साथ कई दौर की भारी बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने संवेदनशील इलाकों में सतर्कता बरतने की हिदायत दी है।
स्कूलों की बंदी की घोषणा
मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर, प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार को स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। जिला प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
बारिश और भूस्खलन से मार्ग बंद
बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में 168 मार्ग बंद हो गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, बार्डर रोड और ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल हैं। सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला है, जहाँ 29 ग्रामीण मोटर मार्ग, एक राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग बंद हैं। चंपावत में 22, नैनीताल में 20, पिथौरागढ़ में 19, टिहरी में 17, रुद्रप्रयाग में 15, पौड़ी गढ़वाल में 13, अल्मोड़ा में 9, देहरादून में 8, उत्तरकाशी और बागेश्वर में 6-6 और ऊधम सिंह नगर में 2 मार्ग बंद हैं।
मार्ग बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, बाढ़ और बारिश से अब तक 50 पुलों को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 15 पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 35 पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। लोनिवि ने मार्गों, सेतुओं और भवनों की मरम्मत पर 35,008.67 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है।