Uttarakhand: स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर से बढ़ता उत्तराखंड, आईटी पार्क में बनेगा प्रदेश का पहला सरकारी स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेंटर

50 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड सरकार ने पहला सरकारी स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत का निर्णय लिया है, जो स्टार्टअप्स को नवाचारिक आइडिया से व्यापार में सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है। इस सेंटर के माध्यम से प्रदेश के उद्यमियों को विभिन्न सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिससे वे न केवल राज्य में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पहचान बना सकें।

उत्तराखंड में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना करने का निर्णय लिया है। यह प्रदेश का पहला सरकारी सेंटर होगा, जो नवाचार आइडिया को व्यापार में बदलने के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करेगा।

इस सेंटर का निर्माण कार्य 50 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, और इसका कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम होगा। फरवरी माह में सेंटर के शिलान्यास की तैयारी चल रही है। प्रदेश सरकार ने नई स्टार्टअप नीति को लागू किया है, जिसमें स्टार्टअप को प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की गई है, और उन्हें वित्तीय सहायता के लिए 100 करोड़ रुपये का वेंचर फंड उपलब्ध किया गया है।

सरकार अब स्टार्टअप को वर्किंग स्पेस और तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए सरकारी क्षेत्र में इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित कर रही है, जिससे प्रदेश के स्टार्टअप को इन्क्यूबेशन सुविधाएं अन्य राज्यों में ढ़ना नहीं पड़ेगा। उद्योग विभाग ने आईटी पार्क में इंक्यूबेशन सेंटर के लिए उपयुक्त स्थान का चयन किया है, और पेयजल निर्माण निगम को सेंटर के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रदेश में वर्तमान में 160 स्टार्टअप मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें कई स्टार्टअप ने अपने आइडिया को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है। साथ ही, इन्हें केंद्र सरकार के स्टार्टअप पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है, जिसमें उत्तराखंड के 900 से अधिक स्टार्टअप हैं।

प्रदेश में 13 निजी इंक्यूबेशन सेंटर संचालित हैं जो स्टार्टअप को सुविधाएं प्रदान करने में सहायक हैं। प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति में इंक्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए सब्सिडी प्रदान की है। इंक्यूबेशन सेंटर एक ऐसा संस्थान है जहां स्टार्टअप को व्यापार में स्थापित करने के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध की जाती हैं, जैसे कि वर्किंग स्पेस, तकनीकी सहयोग, नेटवर्किंग, और डॉक्युमेंटेशन सपोर्ट। इसके माध्यम से नवाचार आइडिया को स्थापित करने में मदद की जा सकती है।

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