मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बच्चों पर गुलदार के हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों पर सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश दिया और गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाने का आदान-प्रदान किया। मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है और वन विभाग को वन्यजीव संरक्षण के लिए 24 घंटे का अलर्ट रखने का निर्देश दिया गया है। इससे सामाजिक न्याय और सुरक्षा में सुधार की आशा है, जो लोगों को वन्यजीव संरक्षण में आत्मविश्वास बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में गुलदार द्वारा बच्चों पर हमले की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में बैठक के दौरान यह दर्दनाक घटनाएं निरीक्षण की और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाने की मांग की है। उन्होंने प्रमुख सचिव वन डॉ. आर.के. सुधांशु को इस तरह की घटनाओं को रोकने और प्रभावी कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं और रात्रि गश्त को भी बढ़ाया जाए। विशेषज्ञ सुरक्षा के उपायों को लागू करके इस प्रकार की हमलावर वन्यजीव को नियंत्रित किया जाए, ताकि जनसंख्या को नुकसान न हो।
मानव वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर, मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाने वाली राशि को ₹4 लाख से ₹6 लाख तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे मानवीय मूल्यों की सुरक्षा और समर्थन सुनिश्चित होगा।
वन्यजीव संघर्ष के संभावित क्षेत्रों में वन विभाग को 24 घंटे का अलर्ट रखा जाएगा, ताकि यह तत्पर रहे और घातक हमलों को रोका जा सके। इस मुद्दे पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा ने अपने अभिप्रेषण साझा किया है।
इन उन्हानत कदमों से सामाजिक न्याय और सुरक्षा में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे लोगों को वन्यजीव संरक्षण में आत्मविश्वास बढ़ेगा।
आज के परिस्थितियों में, हमें अपने वन्यजीवों की रक्षा करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने का समय है, ताकि हम आने वाली पीढ़ियों को भी इस सुंदर पृथ्वी का हिस्सा बना सकें।