Uttarakhand Weather: उत्तराखंड के कई जिलों में मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश होने की संभावना, पछवादून व क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश से क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं। यमुना व उसकी सहायक टोंस नदी, हिमाचल से आने वाली गिरी नदी, आसन नदी का पानी यमुना से मिलकर निरंतर दिल्ली की तरफ कूच कर रहा है।
उत्तराखंड मौसम भारी वर्षा समाचार: उत्तराखंड में बारिश का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस दौरान अलर्ट मोड में थे। सोमवार शाम को उन्होंने अचानक आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर प्रदेश में मौजूदा हालातों का जायजा लिया।
पिछले तीन दिनों से प्रदेशभर में चल रही बारिश कल भी जारी रहेगी। मौसम विभाग ने कल प्रदेशभर में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। खासकर, कुमाऊं के जनपदों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। बुधवार को भी प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक कल उत्तराखंड के चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। बाकी जनपदों में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। राज्य में कहीं-कहीं गर्जना के साथ बिजली चमकने और तीव्र दौर की वर्षा होगी।
उत्तराखंड में बारिश के कारण पहाड़ी से मैदान तक मुसीबतें आई हैं। विकासनगर में डाकपत्थर बैराज से यमुना नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण वहां बाढ़ का खतरा प्रबल हो रहा है। दरअसल, बैराज से दूसरे दिन भी दस से बारह लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया।
पछवादून और क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं। यमुना और उसकी सहायक टोंस नदी, हिमाचल से आने वाली गिरी नदी, आसन नदी का पानी यमुना से मिलकर निरंतर दिल्ली की ओर बह रहा है। बताया जा रहा है कि डाकपत्थर बैराज से लगातार चौबीस घंटे में दस से बारह लाख क्यूसेक तक पानी पहुंच रहा है, जो दिल्ली में बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकता है।
डाकपत्थर बैराज की पानी रोकने की क्षमता 50 हजार क्यूसेक है। इससे अधिक जमा होने वाले पानी को बैराज के 25 गेटों से यमुना नदी में निकाला जाता है। बैराज के गेटों में लगे सेंसर से हर आधा घंटे में पानी की रिपोर्ट ली जाती है। बैराज से फिलहाल हर घंटे लगभग 60 हजार क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है, जो बाईराज से आगे बढ़कर और अधिक होता है।
यमुना में पानी की मात्रा बाढ़ और घटाव के अनुसार बदलती रहती है। इसलिए दिल्ली के संबंध में कोई अनुमान लगाना जल्दबाजी होगा। डाकपत्थर बैराज से अभी भी पानी लगातार निकाला जा रहा है। बैराज से जुड़ी बिजली परियोजनाएं अभी बंद हैं।