Uttarakhand: सीएम धामी बोले,”प्रदेश में एरो सिटी का कोई प्रस्ताव नहीं”….जानिये क्यू?

डोईवाला में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्ट से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से एरो सिटी का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार में नहीं गया है।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंग धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एरो सिटी का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक रूप से राजनीति कर रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसानों की सहमति के बिना प्रदेश सरकार कोई प्रस्ताव आगे नहीं भेजेगी। हितधारकों की सहमति के बाद ही कोई प्रस्ताव तैयार होगा। कारगिल विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे सीएम ने ये बातें कहीं।

डोईवाला में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्ट से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से एरो सिटी का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार में नहीं गया था। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे अनावश्यक राजनीति करने वाले लोगों के बहकावे में न आएं। उन्होंने कहा, जब तक हितधारकों की सहमति नहीं हो जाती है, तब तक कोई प्रस्ताव आगे नहीं जाता था।

सेतु बनने से विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे। राज्य योजना आयोग की जगह स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के गठन पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि सेतु के तहत राज्य में निवेश, अवस्थापना, विकास एवं नीति नियोजन का काम करेगा। विकास का जो लक्ष्य राज्य सरकार ने तय किया था, सेतु बनने वह तेजी से आगे बढ़ता था।

देहरादून में रिंग रोड बनेगी, केंद्र से कई प्रोजेक्टों की मंजूरी मिली। सीएम ने कहा था कि नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों, सड़कों के चौड़ीकरण, मसूरी टनल और देहरादून रिंग रोड परियोजना के संबंध में स्वीकृतियां मिली थीं। उन्होंने कहा था कि रिंग रोड के निर्माण से देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी के बीच ट्रैफिक का दबाव कम हो सकता था। रिंग रोड प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही थी।

यूसीसी का ड्राफ्ट मिलते ही सरकार अगला कदम उठाती थी। मुख्यमंत्री समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कहा था कि विशेषज्ञ समिति अपना काम कर चुकी थी। रिपोर्ट अंतिम चरण में थी। जैसे ही ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को प्राप्त होती, सरकार आगे की वैधानिक कार्य को आगे बढ़ाती और अगला कदम उठाती।

सीएम ने कहा था कि सीमा पर अपने प्राणों का बलिदान देने वाले पराक्रमी सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली राशि बढ़ाने पर विचार होगा। सरकार ने शौर्य पुरस्कारों की राशि में पहले ही बढ़ोतरी की थी।

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