US Election: ट्रंप के सामने नए मुकदमों की चुनौती, संसदीय चुनाव से पहले बढ़ती मुश्किलें; अदालत ने कहा- कैपिटल हिल मामले में चलेगा मुकदमा

अमेरिका में चल रहे चुनावी उत्सव में डोनाल्ड ट्रंप को झटका! एक अदालत ने मुकदमे में फिर से सुनवाई करने की दिशा में निर्णय लिया है, जिससे उनकी राजनीतिक भविष्यवाणी पर बड़ा असर हो सकता है। जानिए इस नए रोमांचक ट्विस्ट के बारे में और ट्रंप के सियासी सफलता की कड़ी में कैसे आ सकती है रुकावट।

अमेरिका में संसदीय चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक अदालत ने मंगलवार को एक मामले में निर्णय दिया कि पूर्व राष्ट्रपति को 2020 के चुनाव परिणामों को पलटने की साजिश रचने का आरोप किया जा सकता है। अदालत ने ट्रंप के दावे को खारिज किया कि उन्हें मुकदमे से ‘कानूनी प्रतिरक्षा’ है, जिसका मतलब है कि वह कानूनी दृष्टि से जवाबदेह नहीं हो सकते हैं।

कैपिटल हिल मामले में मुकदमे का सामना कर सकते हैं ट्रंप

बीते कुछ महीनों में ऐसा फैसला दूसरी बार आया है, जब न्यायाधीशों ने ट्रंप की कानूनी प्रतिरक्षा की दलीलों को ठुकराया है। संघीय अपीलीय अदालत ने माना है कि व्हाइट हाउस में छह जनवरी 2021 को किए गए कृत्यों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। इस दिन ट्रंप के समर्थकों की भीड़ ने कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया था। संघीय अपीलीय अदालतें जिला अदालतों के फैसलों की समीक्षा करती हैं और तय करती हैं कि फैसले सही थे या नहीं।

मुकदमे की अगली तारीख तय नहीं हुई

मुकदमे की सुनवाई की तारीख पहले मार्च के लिए तय की गई थी, लेकिन पिछले हफ्ते इसे स्थगित कर दिया गया था और नई तारीख तय नहीं की गई थी।

मुकदमे की तारीख का असर ट्रंप के सियासी भविष्य पर

मुकदमे की तारीख का निर्धारण ट्रंप के राजनीतिक भविष्य पर भी असर डालेगा। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की दौड़ में ट्रंप अभी सबसे आगे चल रहे हैं। पार्टी मुकदमे की तारीख में देरी की उम्मीद कर रही है। अगर चुनाव में ट्रंप राष्ट्रपति जो बाइडन को हरा देते हैं, तो वह अपने ऊपर चल रहे मामलों को खारिज करने के लिए अटॉर्नी जनरल को आदेश देने के लिए अपने पद का इस्तेमाल कर सकते हैं या वह अपने लिए माफी की मांग कर सकते हैं। विशेष वकील जैक स्मिथ ने पिछले हफ्ते अपीलीय अदालत में इस मुकदमे पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था। इस दौरान अदालत ने उठाया गया सवाल यह था कि क्या पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ राष्ट्रपति कार्यालय छोड़ने के बाद मुकदमा चलाया जा सकता है।

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