Lok Sabha Election 2024 News : लोकसभा चुनाव के पहले यूपी की राजनीति में कई सारे बड़े उलटफेर संभव हैं। सपा और बसपा दोनों के कई बड़े नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के साथ ही भाजपा की चुनावी रणनीति अब साफ हो गई है। उनके भाजपा में शामिल होने की घोषणा जल्द हो सकती है। माना जा रहा है कि दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से भाजपा ने अपने उस अभियान की शुरुआत कर दी है, जिसके तहत लोकसभा चुनाव में विपक्ष को खास तौर पर सपा को तगड़ा झटका देने की रणनीति थी। सूत्रों के मुताबिक, सपा के कई और विधायक भी भाजपा के संपर्क में हैं और उन्हें भाजपा के साथ जोड़ने के लिए कुछ नेताओं को मिशन पर भेजा गया है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है भाजपा और उसकी रणनीति पिछड़ी जाति को सम्मिलित करने पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत, भाजपा दूसरे दलों के पिछड़ों के नेताओं को पार्टी में शामिल करने का अभियान चला रखी है। इसके साथ ही, विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सपा में जाने वाले नेताओं को वापस लाने की मुहिम भी शुरू कर दी है। योगी-01 में वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान के इस्तीफे को भाजपा के इसी अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। इसके अलावा, पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी की वापसी की भी चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि सैनी को लेकर कुछ अंश में परेशानी है, इसलिए उनके मुद्दे पर अभी फैसला नहीं हो पाया है।
सूत्रों के मुताबिक, सपा के कई विधायकों पर भी भाजपा की नजर है। सपा विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की भी बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता के माध्यम से इन विधायकों से संपर्क किया गया है। इसके अलावा, पश्चिमी यूपी के कुछ बसपा सांसद भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। प्रदेश में दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में लाने के अभियान के तहत, समन्वय जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को सौंपी गई है।
रालोद से भी हो सकता है गठबंधन।
विपक्षी एकता के मुहिम के जवाब में भाजपा ने भी एनडीए को मजबूत करने का अभियान चला रखा है। 2017 में भाजपा के साथ और 2022 में सपा के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का फिर से भाजपा के साथ आना लगभग पक्का हो गया है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक जल्द ही सपा के एक और सहयोगी रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी सपा का साथ छोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि केन्द्र के मंत्रिमंडल विस्तार में जयंत को शामिल किया जा सकता है, और प्रदेश सरकार में ओमप्रकाश राजभर को भी कैबिनेट मंत्री बनाने की तैयारी हो रही है। रालोद और सुभासपा से गठबंधन की आधिकारिक घोषणा जल्द ही हो सकती है।
2019 में हारी सीटों पर विशेष फोकस है।
प्रदेश में लोकसभा के सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य भेदने की रणनीति के तहत भाजपा ने उन 16 सीटों पर विशेष फोकस रखा है, जिन पर 2019 में भाजपा को हार का अनुभव हुआ था। भाजपा की रणनीति है कि 2024 में मौजूदा सीटों के साथ ही इन 16 सीटों को हर हाल में जीतना है। इसलिए, इन सीटों पर प्रभाव रखने वाले सपा समेत दूसरे दलों के नेताओं को भी भाजपा के साथ जोड़ने की तैयारी में है।