लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और सहयोगी दलों के बीच सीटों का मन्थन तेज़ी से बढ़ रहा है। उम्मीदवारों की घोषणा से पहले ही सीट बंटवारे की चर्चा तेज़ हो रही है, जिससे चुनावी मैदान में एक नई रणनीति की ओर इशारा हो रहा है। यह लेख इस रोमांचक दांव की नई तस्वीर प्रस्तुत करता है जो आगामी चुनावों में उत्कृष्टता और रणनीतिक कुशलता की दिशा में बदल सकता है।
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। सूची जारी होने के बाद, सुभाषपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार रात को ही दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सीटों को लेकर बातचीत की है। इसी समय, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने पहले ही सीटों के मुद्दे पर चर्चा कर ली है। हालांकि, अभी भी सीटों की संख्या को लेकर कुछ अनिश्चितता है। दोनों दल यूपी में कम से कम दो-दो सीटें चाहते हैं, पर भाजपा की ओर से फिलहाल दोनों दलों को एक-एक सीट का ही प्रस्ताव दिया गया है।
भाजपा की पहली सूची में सलेमपुर, कुशीनगर, चंदौली, लालगंज, डुमरियागंज, जौनपुर समेत कई ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है, जिन पर सुभाषपा व निषाद पार्टी ने पहले से ही दावेदारी कर रखी थी। राजभर ने मऊ की घोसी, देवरिया की सलेमपुर, बलिया के अलावा चंदौली सीट पर दावेदारी की है, जबकि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में से कोई दो सीटें मांग रहे हैं।
लेकिन भाजपा की पहली सूची में दोनों दलों की दावेदारी वाली कई सीटों पर उम्मीदवारों का चयन हो चुका है। इस पर राजभर और निषाद चाहते हैं कि उनकी दावेदारी वाली सीटों में जो बची हैं, उनमें से ही सीटें मिल जाएं। वहीं दूसरी ओर, गाजीपुर, सुल्तानपुर, बलिया समेत कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे कई भाजपा नेताओं की भी नजर है। इसे देखते हुए दोनों नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात करके अपने कोटे की सीटों पर भी स्थिति साफ करने का अनुरोध किया है।
दोनों दलों को एक-एक सीट देने की पेशकश
सूत्रों के मुताबिक भाजपा की ओर से दोनों नेताओं को फिलहाल एक-एक सीट देने की ही पेशकश की गई है, लेकिन दोनों नेता चाहते हैं कि उन्हें कम से कम दो सीटें जरूर मिलें। सूत्रों के कहने के अनुसार सुभाषपा को फिलहाल सिर्फ मऊ की घोसी सीट देने की बात कही गई है, लेकिन राजभर इसके लिए तैयार नहीं है। उन्होंने घोसी के अलावा बलिया या गाजीपुर में से भी एक सीट मांगी है। जबकि भाजपा ने राजभर को एक सीट यूपी और एक सीट बिहार में देने का ऑफर दिया है।