पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले ने राजनीतिक दुनिया को हिला दिया है। इस घटना ने सुरक्षा सेवाओं के संदेहों को जगह देने के साथ-साथ नेताओं और सामाजिक मीडिया पर भी बहस शुरू कर दी है। अब सवाल है, क्या इससे निपटने के लिए नए नियम बनेंगे?
रिपब्लिकन सांसदों की चिंता: हमले की जांच की मांग
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बाद, रिपब्लिकन सांसदों ने जाहिर किया है कि वे इस घटना की त्वरित जांच की मांग करेंगे। एक स्नाइपर ने सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को चकमा देकर डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी रैली में भाषण देने वाले स्थान पर एक मकात की छत पर चढ़कर कई गोलियां चलाईं, जिससे उन्हें मार दिया गया।
हमलावर सुरक्षा घेरे से बाहर: रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमलावर सुरक्षा घेरे से बाहर था। एक साक्षात्कार में एक व्यक्ति ने बताया कि वे पुलिस और सीक्रेट सर्विस को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन कोई सम्मति नहीं मिली।
आलोचना का सामना: सीक्रेट सर्विस
डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने सीक्रेट सर्विस पर आलोचना की है, जिनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है राष्ट्रपति की सुरक्षा सुनिश्चित करना। अरबपति एलन मस्क ने सीक्रेट सर्विस एजेंसी के नेतृत्व से इस्तीफा देने की मांग की है।
सोशल मीडिया पर सवाल: कार्यकर्ताओं की आवाज
कंसर्वेटिव कार्यकर्ता जैक पोसोबिएक ने सोशल मीडिया पर पूछा कि एक स्नाइपर को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रैली में सबसे नजदीकी छत पर कैसे पहुंचने की अनुमति दी गई? इसके अलावा, रिपब्लिकन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने सोशल मीडिया पर कहा है कि सीक्रेट सर्विस डायरेक्टर किम्बर्ली चीटल, डीएचएस और एफबीआई के अधिकारी समितियों के समक्ष उपस्थित होंगे।
जांच की शुरुआत: सुरक्षा सेवाओं का बयान
सीक्रेट सर्विस ने इस मामले में जांच शुरू की है और 15 नवंबर के चुनाव में ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन को जानकारी दी है। सुरक्षा सेवाओं ने अपने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए कई अन्य सवालों का जवाब नहीं दिया है।