Brij Bhushan Sharan Singh on WFI Suspension: भारतीय पहलवान साक्षी मलिक के संन्यास लेने के बाद कुश्ती की राजनीति शुरू हो गई है. मलिक के संन्यास पर राजनेताओं ने खेल मंत्रालय पर कई सवाल खड़े कर दिए है. इसी को लेकर खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए सराकार ने 24 दिसंबर को भारतीय कुश्ती महासंघ की नई संस्था की मान्यता रद्द कर दी . बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद लगातार इस पर सवाल खड़े हो रहे थे.
वहीं भारतीय कुश्ती महासंघ की मान्यता रद्द होने के बाद खेल मंत्रालय के फैसले के बाद फेडरेशन के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह भी सस्पेंड हो गए हैं. इसके पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से रूबरू होकर कहा कि, उनके सस्पेंशन के पीछे राजनीति हो रही है और उन्होंने इसे एक भूमिहार-राजपूत विवाद का हिस्सा बताया है।
शरण ने मीडिया को बताया, “पहले दिन से ही इस मामले में राजनीति हो रही है। संजय सिंह भूमिहार हैं और मैं राजपूत हूं। हम दोनों लोग सिर्फ अच्छे दोस्त हैं।”
महासंघ का चुनाव राजनीति या न्याय?
उन्होंने यह भी कहा कि महासंघ के चयन पर नये पदाधिकारी को तय करने में सरकार की इच्छा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अपना योगदान है, और उन्होंने अपने समर्थकों के द्वारा लगाए गए पोस्टरों को भी स्वीकृत किया। उन्होंने कहा, “नंदिनी नगर में घर है, इसलिए यहाँ होना तय हुआ क्योंकि इतने कम समय में अन्य कही तैयारी नहीं हो सकती थी।”
संजय सिंह के सस्पेंशन पर भूषण का दृढ़ समर्थन:
उन्होंने जो भूमिहार-राजपूत विवाद का मुद्दा उठाया, उस पर भी टिप्पणी की, “मैंने 12 साल कुश्ती के लिए काम किया है। इस दौरान मैंने अच्छा किया है या बुरा, यह मूल्यांकन का विषय है।”
उन्होंने अपनी सस्पेंशन के परिणामस्वरूप व्यक्तिगत निर्णय के रूप में देखा और कहा, “मैंने कुश्ती से नाता तोड़ लिया है।”नंदिनी नगर में कराने का फैसला आम सहमति से हुआ.